

मुंबई : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबर गया और 15 पैसे सुधरकर 87.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिका के भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने तथा रूसी कच्चा तेल एवं हथियार खरीदने पर जुर्माना लगाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हस्तक्षेप की आशंका के बीच रुपया संभला है। तीन साल से अधिक समय में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट यानी 89 पैसे टूटने के बाद रुपये ने कुछ हद तक वापसी की है लेकिन यह अब भी नकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहा है।
क्या रही स्थिति : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 87.66 पर खुला। दिन में इसने 87.74 प्रति डॉलर के निचले और 87.51 प्रति डॉलर के उच्च स्तर को छुआ। अंत में यह 87.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 15 की बढ़त है। रुपया बुधवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर 87.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
दबाव बना रहने की संभावना : विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के कदम के बाद जोखिम लेने की धारणा कमजोर हुई है। आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष हरसिमरन साहनी ने कहा, ‘‘ हालांकि, केंद्रीय बैंक अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए हाजिर बाजार में भी हस्तक्षेप कर सकता है, लेकिन व्यापक दृष्टिकोण सतर्क बना हुआ है। अगर रुपये पर दबाव जारी रहता है तो व्यापारिक तनाव और बढ़ने पर यह 88 के स्तर को भी छू सकता है।’’ इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.84 पर आ गया।