

मुंबई : सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वालों के हितों की रक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्वर्ण ऋण के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों और तौर-तरीकों से संबंधित दिशानिर्देशों का मसौदा जारी किया। इसमें ऋणदाताओं से ऐसे ऋण साधनों से संबंधित दस्तावेजों को लेकर समानता बरतने का आग्रह किया गया है।
क्या-क्या करना होगा : आरबीआई ने कहा कि ऋणदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गिरवी रखने जाने वाले स्वर्ण आभूषण की शुद्धता, उसके वजन (सकल और शुद्ध) आदि की जांच के लिए एक मानकीकृत प्रक्रिया अपनाई जाए और यह प्रक्रिया ऋणदाता की सभी शाखाओं में एकसमान रूप से अपनाई जाए।नीति के तहत निर्धारित सभी प्रक्रियाओं का विवरण ग्राहकों की जानकारी के लिए ऋणदाताओं की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा।ऋणदाता ऋण स्वीकृत करते समय आभूषण की जांच करते समय उधारकर्ता की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। जांच प्रक्रिया के हिस्से के रूप में पत्थर के वजन, बन्धन आदि से संबंधित कटौती उधारकर्ता को समझाई जाएगी और जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र में विवरण शामिल किया जाएगा।
दस्तावेजीकरण मानकीकृत होना चाहिएः ऋणदाता की सभी शाखाओं में दस्तावेजीकरण मानकीकृत होना चाहिए।ऋण समझौते में प्रतिभूति के रूप में लिए गए स्वर्ण आभूषण का विवरण, उसका मूल्य, नीलामी प्रक्रिया का विवरण और उसकी नीलामी के लिए परिस्थितियां, नीलामी आयोजित होने से पहले ऋण के पुनर्भुगतान/निपटान के लिए उधारकर्ता को दी जाने वाली नोटिस अवधि का विवरण शामिल होना चाहिए।उधारकर्ता के साथ सभी संचार में निर्धारित एलटीवी अनुपात का उल्लंघन भी शामिल है, क्षेत्र की भाषा में या उधार लेने वाले व्यक्ति के द्वारा चुनी गई भाषा में किया जाएगा।अशिक्षित उधारकर्ताओं को ऋणदाताओं को गवाह की उपस्थिति में महत्वपूर्ण नियम व शर्तें समझाई जानी चाहिए।