नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से पतंजलि को फटकार पड़ने के बाद स्वामी रामदेव की तीखी प्रतिक्रिया समाने आई है। उन्होंने एलोपैथी और ड्रग माफियाओं को खुली चुनौती दी है। स्वामी रामदेव ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि पैसे से सच-झूठ का फैसला नहीं हो सकता है। एलोपैथी वालों के पास पैसे ज्यादा हैं। उनके पास डॉक्टर ज्यादा हैं लेकिन हमारे पास ऋषियों की विरासत है। हम दरिद्र नहीं है। हम शोध ज्ञान विज्ञान के आधार पर आगे बढ़े हैं। हम अकेले भी पूरी दुनिया के ड्रग माफियाओं से लडऩे को तैयार हैं। लेकिन रामदेव कभी डरा नहीं है। हारा नहीं है। हम लड़ेंगे।
रामदेव ने कहा, कल से मीडिया की हजारों वेबसाइट पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को ये फटकार लगाई है कि झूठे दुष्प्रचार वाले विज्ञापन करोगे तो करोड़ों रुपये का जुर्माना लगेगा। हम कानून, संविधान और अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन झूठा प्रचार हम नहीं कर रहे हैं।
‘योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से गंभीर बीमारियों को रोकने का प्रयास’
डॉक्टरों के एक ऐसे गिरोह ने ऐसी संस्था बनाकर रखी है, जो योग, नेचुरोपैथी, सनातन संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं। उनका दुष्प्रचार है कि किडनी, लिवर, बीपी, डायबिटीज जैसी बीमारियों का कोई हल नहीं है। लेकिन मैं तीन तथ्यों के आधार पर एक बात कहना चाहता हूं, लेकिन हमारे पास सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं कि जहां हमने ये करके दिखाया है। हम आठ से 12 दिनों में 10-12 किलो वजन घटा देते हैं। अगर यह कहना कि हम योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से ऐसी बीमारियों को रोकने के लिए काम करते हैं तो इसमें झूठ क्या है। लेकिन पिछले पांच सालों से रामदेव और पतंजलि के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। स्वामी रामदेव के खिलाफ झूठ फैलाया जा रहा है कि आयुर्वेद में कुछ नहीं रखा है।
‘IMA की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी’
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव से जुड़ी हर्बल उत्पाद कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को बीमारियों और उनके इलाज से जुड़ी दवाओं के विज्ञापनों में झूठे और भ्रामक दावे को लेकर फटकार लगाई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर SC ने कहा, पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा। अदालत ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगी। आईएमए की याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के साथ पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी हुआ था। अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को आदेश दिया कि वो एलोपैथी और अन्य चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन न जारी करे।
कोर्ट ने कहा कि अगर गलत दावा पाया जाता है कि किसी विशेष बीमारी को ठीक किया जा सकता है तो पीठ हर उत्पाद पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसी दवाओं और दावे पर सटीक समाधान तलाश करने को कहा। पीठ आईएमए की याचिका पर 5 फरवरी को सुनवाई करेगी। एलोपैथी और एलोपैथिक डॉक्टरों को निशाना बनाने पर रामदेव की कड़ी आलोचना कोर्ट ने की थी। कोर्ट ने कहा था, डॉक्टरों और उपचार पद्धतियों को बदनाम करने से रोका जाए। कोर्ट ने कहा था, स्वामी रामदेव बाबा को क्या हो गया है, हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। हम सभी इसे अपनाते हैं, लेकिन दूसरी चिकित्सा पद्धतियों की आलोचना नहीं होनी चाहिए।