नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की इस सप्ताह तेल अवीव की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रस्तावित भारत-इजराइल मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की प्रगति की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। गोयल, इजराइल में 60 सदस्यीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वहां वे द्विपक्षीय व्यापार, निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने के तरीकों पर नेताओं और व्यवसाय जगत के लोगों के साथ चर्चा करेंगे। यह यात्रा 22 नवंबर को संपन्न होगी। गोयल, इजराइल के उद्योग मंत्री नीर बरकत के साथ भी बातचीत करेंगे। इजराइली समकक्ष के अलावा उनके कुछ अन्य मंत्रियों से भी मिलने की उम्मीद है। वह कृषि, अपशिष्ट जल उपचार, साइबर सुरक्षा, ‘स्मार्ट मोबिलिटी’, बुनियादी ढांचे आदि जैसे क्षेत्रों की प्रमुख इजराइली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे और प्रमुख इजराइली निवेशकों के साथ बातचीत करेंगे।
क्या है स्थिति : भारत और इजराइल मई 2010 से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। अब तक आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों देशों ने अक्टूबर 2021 में बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की थी। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान उस देश को भारत का निर्यात 2023-24 के 4.52 अरब डॉलर से 52 प्रतिशत घटकर 2.14 अरब डॉलर और आयात भी 26.2 प्रतिशत घटकर 1.48 अरब डॉलर रह गया। भारत, एशिया में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
द्विपक्षीय व्यापार : द्विपक्षीय व्यापार में मुख्य रूप से हीरे, पेट्रोलियम उत्पाद और रसायन शामिल हैं, लेकिन हाल के वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों, संचार प्रणालियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों जैसे क्षेत्रों में भी व्यापार में वृद्धि देखी गई है। भारत से इजराइल को प्रमुख निर्यात वाली वस्तुओं में मोती एवं कीमती पत्थर, मोटर वाहन डीजल, रासायनिक व खनिज उत्पाद, मशीनरी व विद्युत उपकरण, प्लास्टिक, वस्त्र, परिधान, आधार धातुएं तथा परिवहन उपकरण और कृषि उत्पाद शामिल हैं।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश : दोनों देशों ने सितंबर में एक द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत भारत ने इजराइली निवेशकों के लिए स्थानीय प्रक्रिया अवधि को पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष कर दिया है। इजराइल, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) का पहला सदस्य है जिसके साथ भारत ने यह समझौता किया है। अप्रैल 2000 और जून 2025 के दौरान भारत को इजराइल से 33.77 करोड़ अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीए) प्राप्त हुआ।