बिजली की अधिकतम मांग के अनुमानित 277 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना नहीं

बिजली की अधिकतम मांग के अनुमानित 277 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना नहीं
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नयी दिल्ली : इस वर्ष गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग के अनुमानित 277 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना नहीं है, क्योंकि रुक-रुक कर हो रही बारिश ने एयर कंडीशनर (एसी) जैसे ठंडक प्रदान करने वाले उपकरणों के उपयोग को कम कर दिया है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के चेयरमैन घनश्याम प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी में बीएनईएफ शिखर सम्मेलन से इतर कहा, ‘‘ नहीं, मुझे नहीं लगता कि यह (बिजली की अधिकतम मांग) अब उस स्तर तक पहुंचेगी। अगर इसी तरह बारिश होती रही, तो यह उस स्तर तक नहीं पहुंचेगी।सीईए विद्युत प्रणाली के विकास के लिए अल्पकालिक एवं संभावित योजनाएं तैयार करता है।

क्या है मामला : सरकार ने 2025-26 के लिए 277 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया था। विभिन्न सरकारी सूत्रों ने भी सितंबर तक अधिकतम मांग के 277 गीगावाट के स्तर तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। सीईए के चेयरमैन प्रसाद ने कहा कि 277 गीगावाट कोई लक्ष्य नहीं था, बल्कि कम बारिश की स्थिति के लिए एक अनुमान था। उन्होंने कहा, ‘ हमने अपने संसाधन तैयार रखे थे ताकि अगर मांग उस स्तर तक पहुंच जाए, तो हम उसे पूरा कर सकें।’

क्या रही स्थिति : प्रसाद ने कहा कि इस गर्मी के मौसम में भारत में बिजली की अधिकतम अधिकतम मांग करीब 242 गीगावाट रही है। मई, 2024 में यह सर्वाधिक 250 गीगावाट रही थी। इससे पहले बिजली मांग सितंबर, 2023 में सर्वाधिक 243.27 गीगावाट दर्ज की गई थी।

व्यापक वर्षा हुई : इस गर्मी के मौसम (अप्रैल से) के दौरान जून में रिकॉर्ड 242.77 गीगावाट बिजली मांग दर्ज की गई। अप्रैल, मई, जून और जुलाई में व्यापक वर्षा हुई, जो अगस्त तक जारी रही। उन्होंने कहा कि आमतौर पर उत्तरी क्षेत्र में जुलाई के बाद बारिश होती है, लेकिन इस साल बारिश बहुत पहले शुरू हो गई और लगातार जारी रही है।

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