

नयी दिल्लीः अब 2.5 करोड़ रुपये तक के निवेश वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को ‘सूक्ष्म उद्यम’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इसकी सीमा पहले एक करोड़ रुपये की थी। कुल कारोबार (टर्नओवर) की सीमा भी पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई है। वहीं 25 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयों को ‘‘लघु उद्यम’’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, जिसकी पहले सीमा 10 करोड़ रुपये थी। ऐसे उद्यमों के लिए कुल कारोबार की सीमा 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसके अलावा 125 करोड़ रुपये तक के निवेश वाले एमएसएमई को अब ‘‘मध्यम उद्यम’’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, जबकि पहले यह सीमा 50 करोड़ रुपये थी। मध्यम उद्यमों के लिए कुल कारोबार की सीमा दोगुनी करके 500 करोड़ रुपये कर दी गई है।
क्या है मामलाः सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उद्यम (एमएसएमई) को वर्गीकृत करने के लिए कुल कारोबार और निवेश मानदंडों में महत्वपूर्ण संशोधनों को अधिसूचित किया है। ये एक अप्रैल से लागू होंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एमएसएमई के लिए नए वर्गीकरण मानदंडों की घोषणा की थी, जिसमें वर्गीकरण के लिए निवेश तथा कुल कारोबार की सीमा को क्रमशः 2.5 गुना और दो गुना बढ़ाने का प्रस्ताव था।