नई दिल्ली: भारत ने एक और मोर्चे पर चीन को पीछे कर दिया है। यह मामला अरबपतियों की संख्या को लेकर है। अब एशिया में सबसे ज्यादा अरबपति बीजिंग में नहीं बल्कि मुंबई में है। इस मामले में मुंबई अब दुनिया का तीसरा बड़ा शहर बन गया है। उससे आगे न्यूयॉर्क और लंदन है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई पहली बार बीजिंग को पीछे कर एशिया के सबसे बड़े बिलेनियर सेंटर के रूप में उभरा है। भारत की फाइनेंशियल कैपिटल में अब 92 अरबपति हैं, जो बीजिंग के 91 अरबपतियों से आगे निकल गए हैं। खास बात तो ये है कि अरबपतियों के मामले में मुंबई अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर बन चुका है। सबसे ऊपर न्यूयॉर्क शहर है, जहां पर 119 अरबपति रहते हैं। उसके बाद नंबर लंदन का है, जहां पर 97 अरबपति हैं।
मुंबई में अरबपतियों की संख्या में बढ़ोतरी
पिछले साल महाराष्ट्र में 26 नए अरबपति इस लिस्ट में शामिल हुए। जिससे इस शहर में रहने वाले अरबपतियों की कुल नेटवर्थ 445 बिलियन डॉलर हो गई। जो पिछले वर्ष की तुलना में 47 फीसदी ज्यादा है। इसके विपरीत, बीजिंग की कुल अरबपतियों की संपत्ति 265 अरब डॉलर है, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 28 फीसदी की कमी देखी गई है। मुंबई के अरबपतियों की नेटवर्थ में इजाफा करने वाले सेक्टर्स में एनर्जी और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं, जिनमें मुकेश अंबानी जैसे बिजनेस टाइकून की दौलत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला।
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अडानी की रैंक में 8 अंकों का उछाल
मुंबई के बिलेनियर एलीट में, रियल एस्टेट दिग्गज मंगल प्रभात लोढ़ा और परिवार की नेटवर्थ में सबसे ज्यादा 116 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। वैसे ग्लोबली, भारतीय अरबपतियों की रैंकिंग में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। मुकेश अंबानी ने 10वें स्थान पर अपनी मजबूत स्थिति बरकरार रखी है, जिसका श्रेय काफी हद तक रिलायंस इंडस्ट्रीज की सफलता को जाता है। नेटवर्थ में इजाफा होने के कारण गौतम अडानी आठ स्थान ऊपर चढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
इन अरबपतियों की दौलत बढ़ी
सन फार्मास्यूटिकल्स के दिलीप सांघवी और कुमार मंगलम बिड़ला की नेटवर्थ बढ़ी है। एचसीएल के शिव नादर और परिवार की नेटवर्थ और ग्लोबल रैंकिंग में इजाफा देखने को मिला है। शिव नादर 16 स्थान ऊपर चढ़कर 34वें स्थान पर पहुंच गए। इसके विपरीत, सीरम इंस्टीट्यूट के साइरस एस पूनावाला 9 स्थान गिरकर 55वें स्थान पर आ गए। इस बीच, डीमार्ट की सफलता से राधाकिशन दमानी की लगातार संपत्ति में वृद्धि हुई है, जिससे वह आठ पायदान ऊपर चढ़कर ग्लोबल लेवल पर 100वें स्थान पर पहुंच गए हैं।