एलपीजी पोर्टेबिलिटी' से ग्राहकों को मिलेगा कंपनी बदलने का विकल्प

रसोई गैस उपभोक्ताओं को जल्द ही आपूर्तिकर्ता को बदलने की अनुमति मिल जाएगी
एलपीजी
एलपीजी
Published on

नयी दिल्ली : मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह ही, रसोई गैस उपभोक्ताओं को जल्द ही अपने मौजूदा कनेक्शन को बदले बिना आपूर्तिकर्ता को बदलने की अनुमति मिल जाएगी। इससे उन्हें अधिक विकल्प और बेहतर सेवा मिलेगी।

क्या है मामला : तेल नियामक पीएनजीआरबी ने 'एलपीजी इंटरऑपरेबिलिटी' मसौदे पर हितधारकों और उपभोक्ताओं की टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने नोटिस में कहा कि ऐसी स्थितियों में जहां किसी स्थानीय वितरक को परिचालन संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ता है, उपभोक्ताओं के पास अक्सर सीमित विकल्प होते हैं और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके न्य कारण भी हो सकते हैं, और उपभोक्ता को एलपीजी कंपनी या डीलर चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, खासकर जब सिलेंडर की कीमत समान हो।

क्या है स्थिति : तत्कालीन संप्रग सरकार ने अक्टूबर 2013 में 13 राज्यों के 24 जिलों में एलपीजी कनेक्शनों की पायलट पोर्टेबिलिटी शुरू की थी और जनवरी 2014 में इसे पूरे भारत में विस्तारित करते हुए 480 जिलों को इसमें शामिल किया था। हालांकि, उपभोक्ताओं को 2014 में केवल अपने डीलर बदलने के सीमित विकल्प दिए गए थे, तेल कंपनी नहीं। उस समय कंपनियों के बीच पोर्टेबिलिटी कानूनी रूप से संभव नहीं थी, क्योंकि कानून के अनुसार किसी विशेष कंपनी के एलपीजी सिलेंडर को रिफिल के लिए केवल उसी कंपनी को जमा करना होता था। पीएनजीआरबी अब कंपनियों के बीच पोर्टेबिलिटी की अनुमति देने की बात कर रहा है।

सुझाव आमंत्रित : नियामक ने कहा, पीएनजीआरबी, एलपीजी आपूर्ति की निरंतरता को मजबूत करने और उपभोक्ताओं के विश्वास की रक्षा के लिए उपभोक्ताओं, वितरकों, नागरिक समाज संगठनों और अन्य हितधारकों से ऐसे उपायों पर विचार और सुझाव आमंत्रित करता है जिनसे समय पर रिफिल की सुविधा मिल सके। टिप्पणियां मिलने के बाद पीएनजीआरबी एलपीजी पोर्टेबिलिटी के लिए नियम और दिशानिर्देश तैयार करेगा और देश में इसे लागू करने की तारीख तय करेगा।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in