

नयी दिल्ली : हाल ही में लागू किए गए श्रम कानून के ‘मनमाने तरीके से नौकरी पर रखने व निकालने’ और ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा देने की चिंताओं को खारिज करते हुए श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नए कानून रोजगार को संगठित रूप देंगे जबकि निरीक्षक चीजों को सुगम बनाने की भूमिका निभाएंगे।
क्या है मामला : नए नियमों के तहत, 300 कर्मचारियों वाली इकाइयों में छंटनी, कर्मचारियों की कटौती एवं इकाइयों को बंद करने के लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। पहले 100 कर्मचारियों वाली इकाइयों को ऐसी अनुमति की आवश्यकता नहीं थी।
क्या बताया कारण : उन्होंने कहा कि पहले नियोक्ता कानूनी झंझटों से बचने के लिए 100 श्रमिकों को औपचारिक रोजगार देते थे और बाकी को असंगठित रूप से नियोजित करते थे। नए नियमों ने इन बचे हुए श्रमिकों के रोजगार को संगठित रूप दे दिया है और उन्हें वे सभी लाभ मिलेंगे जो एक पंजीकृत कर्मचारी को मिलते हैं।
निरीक्षक सुविधादाता होगा : अनुपालन का बोझ बढ़ाकर ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा देने की चिंताओं पर उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षक किसी उद्योग के काम में बाधा डालने वाला नहीं बल्कि सुविधादाता होगा। वे (निरीक्षक) अग्नि सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा जैसे सभी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करेंगे जो विशेष रूप से खनन क्षेत्र में महिलाओं को रात्रिकालीन पाली में काम करने की अनुमति देने के लिए आवश्यक शर्तें हैं।
आवश्यकताओं का ध्यान : उन्होंने आश्वासन दिया कि नए कानूनों में सभी प्रावधान, बदलते समय और आधुनिक औद्योगिक गतिविधियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। चार श्रम कानून वेतन संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 ; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियों संहिता, 2020 21 नवंबर 2025 को अधिसूचित किए गए। इन चार संहिताओं ने 29 मौजूदा श्रम कानूनों को सुव्यवस्थित किया। इन सुधारों में महिलाओं के लिए विस्तारित अधिकार और सुरक्षा शामिल हैं।