जानें इस साल कितना बढ़ेगा वेतन

9.4 प्रतिशत वेतन बढ़ा सकती है कंपनियां
जानें इस साल कितना बढ़ेगा वेतन
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नयी दिल्लीः इस साल भारत में कंपनियां 9.4 प्रतिशत की औसत वेतन वृद्धि कर सकती हैं। यह 2024 की 9.6 प्रतिशत वेतन वृद्धि से थोड़ी कम है। 'ईवाई फ्यूचर ऑफ पे' रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 10 में से छह नियोक्ता कर्मचारियों को पुरस्कृत करने और वेतन संबंधी रणनीतियों के लिए अगले तीन वर्षों में कृत्रिम मेधा (एआई) की क्षमता का पता लगाने के इच्छुक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी सूचकांक में शामिल शीर्ष 50 कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) का वेतन 2023 से 2024 तक 18-20 प्रतिशत बढ़ा, जो कार्यकारी वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है।

नौकरी छोड़ने की दरः कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर 2024 में घटकर 17.5 प्रतिशत रह गई थी जो 2023 में 18.3 प्रतिशत थी।

किस क्षेत्र में होगी कितनी वेतन वृद्धिः ई-कॉमर्स क्षेत्र में 2025 में सबसे अधिक 10.5 प्रतिशत वेतन वृद्धि होने की उम्मीद है, जो ऑनलाइन कारोबार के तेजी से विस्तार, बढ़ते उपभोक्ता खर्च और प्रौद्योगिकी प्रगति से प्रेरित है। वित्तीय सेवा क्षेत्र में इस साल 10.3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का अनुमान है जबकि वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) में 10.2 प्रतिशत वेतन वृद्धि की संभावना है। आईटी और आईटी-सक्षम सेवा क्षेत्र में वेतन वृद्धि सुस्त रहने का अनुमान है। आईटी क्षेत्र में वेतन वृद्धि 2024 के 9.8 प्रतिशत से घटकर 2025 में 9.6 प्रतिशत होने, जबकि आईटी-सक्षम सेवाओं में वेतन वृद्धि 9.2 प्रतिशत से घटकर नौ प्रतिशत होने के आसार हैं। इस बीच, वाहन, दवा एवं विनिर्माण क्षेत्रों में स्थिर वेतन के रुझान प्रदर्शित होते रहे हैं।

एआई संचालित विश्लेषणः भारत के लगभग 60 प्रतिशत नियोक्ता वेतन के निर्धारण, वास्तविक समय में वेतन समानता के विश्लेषण और कर्मचारियों के लिए अनुकूलन योग्य लाभ जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई का लाभ उठाने की सोच रहे हैं। कंपनियां 2028 तक वेतन निर्धारण और निश्चित प्रोत्साहन मॉडल की जगह एआई-संचालित विश्लेषण और वास्तविक समय में वेतन समायोजन को अपनाने के लिए तैयार हैं। एआई टूल से संचालित होने वाले मंचों के साथ कंपनियां अब कर्मचारी लाभों को वैयक्तिक ढंग से तय कर सकती हैं, उन्हें दिए जाने वाले लाभों को अनुकूलित कर सकती हैं और विविधता से भरे कार्यबल में वेतन समानता सुनिश्चित कर सकती हैं। इसके अलावा ब्लॉकचेन और स्मार्ट अनुबंध सुरक्षित, पारदर्शी व स्वचालित पेरोल प्रसंस्करण के प्रमुख प्रवर्तक के रूप में उभर रहे हैं।

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