रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा खरीफ चावल का उत्पादन

दलहन, तिलहन और कपास का उत्पादन कम हुआ
चावल
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नयी दिल्ली : कृषि मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर में खत्म हुए खरीफ सत्र के दौरान देश का चावल उत्पादन रिकॉर्ड 12.45 करोड़ टन तक पहुंच गया, जो पिछले साल से 1.4 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि, दलहन, तिलहन और कपास का उत्पादन कम हुआ। मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, खरीफ 2025-26 सत्र में कुल खाद्यान्न उत्पादन 17.33 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले 16.95 करोड़ टन था। खरीफ 2024-25 सत्र के दौरान चावल का उत्पादन 12.28 करोड़ टन रहा। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मुख्य खरीफ फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का अनुमान है। खरीफ फसलें मानसून की शुरुआत में जून से जुलाई तक बोई जाती हैं और सितंबर-अक्टूबर में काटी जाती हैं। चावल खरीफ की मुख्य फसल है, साथ ही कुछ दलहन और तिलहन भी प्रमुख खरीफ फसल हैं।

ज़्यादा बारिश से फसलों पर असर : कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, देश के कुछ इलाकों में ज़्यादा बारिश से फसलों पर असर पड़ा, लेकिन ज़्यादातर इलाकों को अच्छे मॉनसून से काफी फायदा हुआ है, जिससे कुल मिलाकर फसल का विकास अच्छा हुआ। वर्ष 2025-26 में मक्के का उत्पादन 2.83 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 2.48 करोड़ टन से कहीं अधिक है, जबकि मोटे अनाज का उत्पादन 4.14 करोड़ टन होने का अनुमान है।

दलहनों का उत्पादन :दलहनों का उत्पादन एक साल पहले के 77 लाख टन के मुकाबले थोड़ा घटकर 74 लाख टन रहने का अनुमान है। अरहर का उत्पादन 35.9 लाख टन होने का अनुमान है, जो पहले के 36.2 लाख टन से थोड़ा कम है, जबकि उड़द का उत्पादन 13.4 लाख टन के मुकाबले 12 लाख टन होने का अनुमान है।

तिलहन का उत्पादन : तिलहन का उत्पादन दो करोड़ 75.6 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के दो करोड़ 80.2 लाख टन से कम है। सोयाबीन का उत्पादन पहले के एक करोड़ 52.6 लाख टन के मुकाबले घटकर एक करोड़ 42.6 लाख टन रहने का अनुमान है, हालांकि, मूंगफली का उत्पादन पहले के एक करोड़ 4.9 लाख टन के मुकाबले बढ़कर एक करोड़ 10.9 लाख टन रहने का अनुमान है। गन्ने का उत्पदान पहले के 45.46 करोड़ टन से बढ़कर 47.56 करोड़ टन होने का अनुमान है।

कपास का उत्पादन : कपास का उत्पादन एक साल पहले के दो करोड़ 97.2 लाख गांठ के मुकाबले घटकर दो करोड़ 92.1 लाख गांठ (हर एक 170 किग्रा) रहने का अनुमान है, जबकि जूट और मेस्टा का उत्पादन 84.8 लाख गांठ से कम होकर 83.4 लाख गांठ (हर एक 180 किग्रा) रहने का अनुमान है।

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