नई दिल्ली : सहारा इंडिया के निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया। पोर्टल के जरिए सहारा की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक ही आवेदन कर सकते हैं। इन को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं। इसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। पैसे वापस नहीं मिलने पर निवेशकों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी।
4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक कर सकेंगे आवेदन
सहारा रिफंड पोर्टल से जुड़ी हर जानकारी यहां
जमाकर्ता के पास क्या-क्या डिटेल्स होना चाहिए?
ए. सदस्यता संख्या
बी. जमा खाता संख्या
सी. आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर
डी. जमा प्रमाणपत्र/पासबुक
ई.पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000/- और अधिक है)
2. यदि मेरे पास पैन कार्ड नहीं है तो क्या होगा?
यदि दावा राशि 50,000/- और इससे अधिक है तो जमाकर्ता के पास पैन कार्ड होना चाहिए।
3. क्या आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट अनिवार्य है?
डिपॉजिटर्स के पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक अकाउंट होना जरूरी है।
4. बैंक अकाउंट से आधार सीडिंग की जांच कैसे करें?
बैंक अकाउंट के साथ आधार जोड़ने की स्थिति की जांच करने के लिए UIDAI वेबसाइट पर जाएं।
5. क्या जमाकर्ता को एक ही दावा प्रपत्र में सभी डिपॉजिट की डिटेल्स देना आवश्यक है?
जमाकर्ता को सभी जमाओं की डिटेल्स एक ही दावा फॉर्म (प्रपत्र) में जोड़कर देना होगा। जमा प्रमाणपत्र या पासबुक की कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
6. क्या जमाकर्ता दावा फॉर्म जमा करने के बाद और दावे जोड़ सकता है?
जी नहीं, दावा फॉर्म जमा करने के बाद जमाकर्ता कोई दावा नहीं जोड़ सकते। इसलिए, एक बार में ही ठीक से फॉर्म भरें।
7. जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि उसका फॉर्म सफलतापूर्वक पेश हो गया है?
दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत होने पर, पोर्टल पर एक रसीद संख्या दिखाई देगी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आएगा।
8. जमाकर्ता को रिफंड की राशि कितने दिनों में मिलेगी?
जिस तारीख को आपने दावा किया है उससे 45 दिनों के अंदर दावा राशि आधार से जुड़े अकाउंट में आ जाएगी।
9. क्या जमाकर्ता दावा आवेदन आंशिक रूप से भरने के बावजूद बाहर निकल सकता है?
जी हां, जमार्ता पोर्टल से बाहर निकल सकता है। बाद में फिर से लॉगइन कर प्रोसेस कंटीन्यू कर सकता है।
10. क्या जमाकर्ता किसी भी फाइल टाइप में डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकता है?
डॉक्यूमेंट्स को पीडीएफ/जेपीईजी/पीएनजी/जेपीईजी2 में ही अपलोड कर सकते हैं।
5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।