बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक अरब डॉलर का निवेश होने की उम्मीद

वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण से बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति
1934 में जारी 10 हजार अमेरिकी डॉलर का नोट
1934 में जारी 10 हजार अमेरिकी डॉलर का नोट
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नयी दिल्ली: उद्यम पूंजी (वीसी) कोष सीडर-आईबीएसआई कैपिटल ने कहा कि देश के बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश वर्ष 2027 के अंत तक एक अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। देश 2030 तक सात लाख करोड़ डॉलर के अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और बैंकिंग क्षेत्र आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।सीडर-आईबीएसआई कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध साझेदार साहिल आनंद ने कहा कि प्रौद्योगिकी क्रांति भारत में बैंकिंग सेवाओं को बदल रही है, जिससे बैंकों के मुख्य कार्य डिजिटलीकरण को अपनाते जा रहे हैं।

वित्तीय समावेशन को बढ़ावाः उन्होंने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पारंपरिक बैंकिंग सेवाएं अब डिजिटल रूप से संचालित की जा सकती हैं। वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और वंचित क्षेत्रों में उपभोक्ताओं तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। क्लाउड कंप्यूटिंग बैंकिंग क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभरी है, जो बैंकिंग बुनियादी ढांचे के लिए मापनीयता, चपलता और लागत-दक्षता प्रदान करती है। ब्लॉकचेन सुरक्षित और पारदर्शी लेनदेन को सक्षम करने में तेजी से मदद कर रहा है और आपूर्ति श्रृंखला वित्त एवं पहचान प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रहा है।

सीडर-आईबीएसआई कैपिटलः सीडर-आईबीएसआई कैपिटल 240 करोड़ रुपये का कोष है, जिसने अब तक बैंक-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दो निवेश किए हैं। यह 10-15 ऐसे शुरुआती चरण के स्टार्टअप तक पोर्टफोलियो का विस्तार करने की उम्मीद कर रहा है। बैंकिंग प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर 8-10 उच्च प्रदर्शन करने वाले उद्यमों को वित्तीय रूप से मजबूत करने पर गहन ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

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