एमएसएमई, स्टार्टअप के लिए औद्योगिक गलियारों में अलग क्षेत्र बनाने का निर्देश

एमएसएमई, स्टार्टअप के लिए औद्योगिक गलियारों में अलग क्षेत्र बनाने का निर्देश
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नयी दिल्ली : वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आंध्र प्रदेश में विकसित किए जा रहे औद्योगिक गलियारों के भीतर एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए अलग क्षेत्र निर्धारित करने का अधिकारियों को निर्देश दिया है। गोयल ने एनआईसीडीसी के नेतृत्व वाले औद्योगिक गलियारों की प्रगति का आकलन करने के लिए 15 जून को आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान यह सुझाव दिया। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) इन गलियारों के विकास का एक नोडल निकाय है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि समीक्षा के दौरान आंध्र प्रदेश के भीतर तीन प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनमें चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (सीबीआईसी) के तहत कृष्णापत्तनम औद्योगिक क्षेत्र, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (एचबीआईसी) के तहत ओर्वाकल औद्योगिक क्षेत्र और विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारा (वीसीआईसी) के तहत कोप्पर्थी औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं।  

वाचार-अनुकूल परिवेश : गोयल ने अधिकारियों को प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के भीतर नवाचार-अनुकूल परिवेश का निर्माण करके प्रमुख (एंकर) निवेशकों और स्टार्टअप को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने शुरुआती चरण के उद्यमों को पोषित करने और एक मजबूत स्टार्टअप परिवेश की सुविधा के लिए अलग से पालना केंद्र (इनक्यूबेटर) स्थापित करने की जरूरत पर भी बल दिया। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने अधिकारियों को एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए प्रत्येक क्षेत्र के भीतर ऐसे क्षेत्र निर्धारित करने का भी निर्देश दिया, जो सब्सिडी दरों की पेशकश करें और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे एवं तकनीकी समर्थन से लैस हों।

परीक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण : गोयल ने परियोजना की प्रगति की वास्तविक समय में निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत ‘डैशबोर्ड’ बनाने का आह्वान किया और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए उन्नत परीक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र अपनाने की बात कही। बैठक में एनआईसीडीसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रजत कुमार सैनी ने राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने और बाहरी बुनियादी ढांचे के समय पर क्रियान्वयन के महत्व पर जोर दिया। 

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