मार्च में धीमी रही भारत की सेवा क्षेत्र की वृद्धि

उपभोक्ता सेवा कंपनियां मार्च में सबसे अधिक उत्साहित रहीं
मार्च में धीमी रही भारत की सेवा क्षेत्र की वृद्धि
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नयी दिल्लीः उत्पादन व बिक्री में मामूली गिरावट से भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधि मार्च में थोड़ी धीमी रही। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक फरवरी के 59.0 से घटकर मार्च में 58.5 पर आ गया। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञः एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘ भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर मार्च 2025 में 58.5 रही जो पिछले महीने से थोड़ा कम है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग काफी हद तक उत्साहजनक रही, हालांकि यह पिछले महीने की तुलना में क्रमिक रूप से कम रही।’

क्या रही स्थितिः कीमत के मोर्चे पर, मार्च में तैयार माल शुल्क पर मुद्रास्फीति साढ़े तीन साल के निचले स्तर पर आ गई। सर्वेक्षण प्रतिभागियों में से केवल एक प्रतिशत ने फरवरी की तुलना में अधिक औसत शुल्क की सूचना दी, जबकि शेष कंपनियों ने कोई बदलाव नहीं होने का संकेत दिया। उपभोक्ता सेवा कंपनियां मार्च में सबसे अधिक उत्साहित रहीं, उसके बाद वित्त एवं बीमा, रियल एस्टेट एवं व्यावसायिक सेवाएं तथा परिवहन, सूचना एवं संचार का स्थान रहा।

भर्तियों की गतिविधि में कमीः मार्च में सेवा अर्थव्यवस्था में भर्तियों की गतिविधि में कमी आई। इस बीच, भारतीय निजी क्षेत्र की गतिविधियां मार्च में मजबूती से बढ़ती रहीं, क्योंकि कंपनियों ने नए ऑर्डर में और वृद्धि का स्वागत किया। एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक फरवरी के 58.8 से मार्च में सात महीने के उच्च स्तर 59.5 पर पहुंच गया। समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है।

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