

मुंबई : स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया। पहले इसके 6.0 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 7.4 प्रतिशत रही। इससे 2024-25 की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर रही। वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत थी।
क्या है कारण : घरेलू मांग की अच्छी स्थिति, चीन से होने वाले आयात पर शुल्क में संभावित ढील, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते के अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद और वैश्विक कच्चे तेल की कम कीमतों के आधार पर जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाया गया है। यूबीएस ने कहा कि उसका समग्र आर्थिक संकेतक व्यापार युद्ध के बावजूद अप्रैल में आर्थिक गतिविधियों में तेजी बने रखने का संकेत देता है। उसे उम्मीद है कि घरेलू उपभोग में वृद्धि होगी और व्यापक आधार वाली होगी। अनुकूल मानसून और कम खाद्य कीमतों की संभावनाओं के साथ ग्रामीण उपभोग में तेजी आएगी। इसके साथ, आयकर राहत, कम मुद्रास्फीति और नीतिगत दर में कटौती सहित नीतिगत प्रोत्साहन पर शहरी मांग में सुधार होगा।