

नयी दिल्लीः अगले वित्त वर्ष (2025-26) में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ईवाई इकनॉमी वॉच ने यह अनुमान लगाया है। ईवाई इकनॉमी वॉच के मार्च संस्करण में वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पिछले महीने जारी संशोधित राष्ट्रीय लेखा खाता आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर अब क्रमश: 7.6 प्रतिशत, 9.2 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए तिमाही वृद्धि दर के संबंध में, तीसरी तिमाही की वृद्धि 6.2 प्रतिशत अनुमानित है। इसका अर्थ है कि एनएसओ द्वारा अनुमानित 6.5 प्रतिशत की वार्षिक जीडीपी वृद्धि प्राप्त करने के लिए चौथी तिमाही में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि की जरूरत होगी।
निजी अंतिम उपभोग व्ययः रिपोर्ट कहती है, ‘‘ अंतिम तिमाही में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि के लिए निजी अंतिम उपभोग व्यय में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि की आवश्यकता होगी। हाल के वर्षों में इतनी अधिक वृद्धि देखने को नहीं मिली है। इसका एक विकल्प निवेश व्यय में वृद्धि करना है, जिसमें सरकार की ओर पूंजीगत व्यय वृद्धि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, सरकार का राजकोषीय घाटा अनुदान की किसी भी अनुपूरक मांग से प्रभावित हो सकता है। बढ़ती आबादी और विकसित आर्थिक ढांचे के साथ, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में अतिरिक्त निवेश दीर्घकालिक वृद्धि को बनाए रखने और मानव पूंजी परिणामों में सुधार करने के लिए आवश्यक हो सकता है।’’
शिक्षा और स्वास्थ्य व्ययः ईवाई इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो दशक में, भारत को अपने सामान्य सरकारी शिक्षा और स्वास्थ्य व्यय को धीरे-धीरे बढ़ाने की आवश्यकता होगी, जिससे यह उच्च आय वाले देशों के करीब पहुंच सकता है। विश्लेषण से पता चलता है कि भारत की युवा आबादी और बढ़ती कार्यबल आवश्यकताओं को देखते हुए, सरकार द्वारा शिक्षा पर खर्च को वित्त वर्ष 2047-48 तक जीडीपी के मौजूदा 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत करने की आवश्यकता हो सकती है। बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच और परिणाम सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्वास्थ्य व्यय को इस दौरान 2021 के 1.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2047-48 तक 3.8 प्रतिशत करने की जरूरत होगी।