भारतीय अर्थव्यवस्था में दिखे और तेजी के संकेत

नियामकीय उपायों से उच्च निजी निवेश और वृद्धि में तेजी का रास्ता साफ होगा
भारतीय रिजर्व बैंक
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नयी दिल्ली : इस साल अबतक राजकोषीय, मौद्रिक और नियामकीय उपायों से उच्च निजी निवेश और वृद्धि में तेजी का रास्ता साफ होगा। इससे कुल मिलाकर दीर्घकाल में आर्थिक मोर्चे पर मजबूती आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक के एक बुलेटिन में यह कहा गया है। ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक से नवंबर बुलेटिन में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था में और तेजी के संकेत दिखाई दे रहे हैं।

मांग और जीएसटी सुधारों से समर्थन मिला : इसमें कहा गया, ‘‘अक्टूबर के लिए उपलब्ध उच्च-आवृत्ति संकेतक (पीएमआई, जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, ईवे बिल आदि) विनिर्माण और सेवा गतिविधियों, दोनों में मजबूती का संकेत देते हैं। इसे त्योहारों की मांग और जीएसटी सुधारों से समर्थन मिला।’’

वित्तीय स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं : बुलेटिन में लिखा गया, ‘‘मुद्रास्फीति ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर आ गई है और निर्धारित लक्ष्य से काफी नीचे बनी हुई है। साथ ही, वित्तीय स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं और वित्तीय संसाधनों का प्रवाह भी अच्छा बना हुआ है।’’

आर्थिक मोर्चे पर मजबूती : इस वर्ष अब तक किए गए राजकोषीय, मौद्रिक और नियामकीय उपायों से उच्च निजी निवेश, उत्पादकता और वृद्धि के एक सकारात्मक चक्र का रास्ता साफ होगा। इससे दीर्घकाल में आर्थिक मोर्चे पर मजबूती आएगी।

वैश्विक अनिश्चितता अभी भी उच्चस्तर पर : बुलेटिन के अनुसार, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता अभी भी उच्चस्तर पर बनी हुई है। हालांकि, एक वर्ष से अधिक समय तक लगातार उच्चस्तर पर रहने के बाद अक्टूबर में इसमें थोड़ी कमी देखी गई।’’

वैश्विक शेयर बाजारों में बढ़ते उत्साह को लेकर चिंताएं : इसमें आगे कहा गया है कि वैश्विक शेयर बाजारों में बढ़ते उत्साह को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। इससे इसके टिकाऊ स्तर पर बने रहने और वित्तीय स्थिरता पर इसके प्रभाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं।केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ लेख में व्यक्त विचार लेखकों के अपने हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

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