

नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष (2025-26) में इसे 6.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल करने में किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य नागेश कुमार ने यह बात कही।कुमार ने कहा कि दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की स्थिति बेहतर बनी हुई है।
क्या है स्थिति : एक-तिहाई से ज़्यादा वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं ऋण संकट से जूझ रही हैं... औद्योगिकीकृत अर्थव्यवस्थाएं भारी दबाव, ऊंची मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि में सुस्ती का सामना कर रही हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था निर्यात या व्यापार से अधिक घरेलू खपत और घरेलू निवेश पर टिकी है। इस वजह से आज भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुझे चालू वित्त वर्ष और अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.5 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ने की राह में कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही है। उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भी इस तरह की वृद्धि जारी रहेगी, और एक समय यह सात से 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
महंगाई की स्थिति : कुमार ने कहा कि वर्तमान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति लगभग दो प्रतिशत है और यह काफी हद तक एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) या आरबीआई द्वारा अपनाई गई नीति का परिणाम है। और अब यह लक्ष्य के दायरे में आ गई है। केंद्रीय बैंक ने इस साल प्रमुख नीतिगत दर रेपो में एक प्रतिशत की कटौती की है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि जून में मुख्य मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई है। आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक समिति अगस्त में अपनी अगली द्विमासिक नीति की घोषणा करने वाली है।