नयी दिल्ली : अमेरिका के साथ अगले दौर की व्यापार वार्ता के लिए भारत की तरफ से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल की अगुवाई वाला दल वाशिंगटन पहुंच गया है। यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं और नौ जुलाई से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में चुनौतियां हैं। कृषि और डेयरी क्षेत्र भारत के लिए अमेरिका को शुल्क रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं। भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है।
अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन - विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पाद, डेयरी तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े की वस्तुएं, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है।