

नयी दिल्लीः भारत को अगले 15 से 20 साल में 30,000 पायलट की आवश्यकता होगी। इसकी वजह है कि घरेलू एयरलाइन कंपनियों ने अपने नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 1,700 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया है। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मंत्रालय विमानन उद्योग के लिए सामूहिक दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है। अधिकारी 38 उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के विभिन्न पहलुओं का सत्यापन कर रहे हैं और इन संगठनों की रेटिंग की जाएगी।
मंत्री 200 प्रशिक्षक विमानों के ऑर्डर के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों ने 1,700 से अधिक विमानों के ऑर्डर दिए हैं और वर्तमान में 800 से अधिक विमान हैं।
क्या है स्थितिः नायडू ने कहा कि फिलहाल 6,000 से 7,000 पायलट काम कर रहे हैं। उन्होंने भारत को प्रशिक्षण केंद्र बनाने की भी वकालत की। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है।हवाई अड्डों को वर्गीकृत करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें कार्गो और उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के लिए अलग हवाई अड्डे बनाये जाने की संभावना भी शामिल है।