व्यापार समझौते के पहले चरण को शीघ्र पूरा करने पर भारत,अमेरिका ने की चर्चा

मंत्री स्तरीय बैठक के बाद दोनों देशों के मुख्य वार्ताकारों के बीच विचार-विमर्श होगा
व्यापार समझौते के पहले चरण को शीघ्र पूरा 
करने पर भारत,अमेरिका ने की चर्चा
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नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वॉशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक के साथ दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत में तेजी लाने के लिए चर्चा की।व्यापार समझौते की वार्ता की प्रगति की समीक्षा के लिए गोयल मंत्री स्तरीय बैठक के लिए वॉशिंगटन में हैं। मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण में तेजी लाने की दिशा में मंत्री हावर्ड लुटनिक के साथ सार्थक चर्चा हुई।

मंत्री स्तरीय बैठक के बाद दोनों देशों के मुख्य वार्ताकारों के बीच विचार-विमर्श होगा, जो 22 मई तक जारी रहेगा। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देश इस वर्ष शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने से पहले ‘शीघ्र पारस्परिक लाभ’ सुनिश्चित करने के लिए वस्तुओं में अंतरिम व्यापार व्यवस्था की संभावना तलाश रहे हैं।

चर्चा के मुद्दे : वार्ता में जिन मुख्य मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें बाजार पहुंच, उत्पत्ति के नियम और गैर-शुल्क बाधाएं शामिल हैं। भारत और अमेरिका के अधिकारियों का लक्ष्य वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए 90-दिवसीय शुल्क विराम अवधि का लाभ उठाना है। अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क को नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया है। बढ़ते व्यापार घाटे को पाटने के लिए दो अप्रैल को शुल्क दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी। हालांकि, 10 प्रतिशत का मूल शुल्क सभी देशों पर लागू है। इसके अलावा इस्पात, एल्युमीनियम और मोटर वाहन घटकों पर 25 प्रतिशत शुल्क भी लगा है।

सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार : अमेरिका लगातार चौथे वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और देश के कुल वस्तु व्यापार में 10.73 प्रतिशत रही। अमेरिका के साथ भारत का 2024-25 में वस्तुओं के मामले में व्यापार अधिशेष (आयात व निर्यात के बीच का अंतर) 41.18 अरब अमेरिकी डॉलर था। 2023-24 में यह 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर, 2022-23 में 27.7 अरब अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 अरब अमेरिकी डॉलर और 2020-21 में 22.73 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। अमेरिका ने इस बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर की है।

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