

मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत काफी अच्छी स्थिति में है और खुदरा निवेशकों को बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद लंबे समय तक बाजार में बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुल्क युद्ध के बाद से भारत ने काफी मजबूती दिखायी है।इसमें लगातार आर्थिक वृद्धि, कम राजकोषीय घाटा, संतुलित विदेशी ऋण, दोहरी बैलेंस शीट (बैंक फंसे कर्ज के कारण दबाव में तथा कंपनियां अधिक कर्ज की वजह से लौटाने की स्थिति में नहीं) की समस्या न होना और चालू खाते का घाटे का प्रबंधन लायक स्तर पर होना शामिल हैं।
सेबी प्रमुख ने कहा कि देश विभिन्न द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर भी बातचीत कर रहा है। खुदरा निवेशकों पर मौजूदा अस्थिरता के प्रभाव के बारे में पांडेय ने माना कि ऐसे कई निवेशक हाल ही में इस यात्रा में शामिल हुए हैं और उन्होंने पहले कोई गिरावट नहीं देखी है।
सीखने का वक्त : यह खुदरा निवेशकों के लिए सीखने का वक्त है और निवेशकों को लंबी अवधि के लिए बाजार में बने रहने की जरूरत है। पांडेय ने कहा, अगर वे (निवेशक) यही रणनीति अपनाते हैं, तो निश्चित रूप से अल्पावधि में घबराने के बजाय बेहतर स्थिति में होंगे।खुदरा निवेशकों को जागरूकता और उचित जानकारी के साथ निवेश करने की जरूरत है। वायदा और विकल्प कारोबार में बढ़ते निवेश के बारे में पांडेय ने कहा कि शेयर बाजार में किसी को कसीनो की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए।
इस मोर्चे पर सेबी के उपाय कुछ हद तक प्रभावी रहे हैं क्योंकि सालाना आधार पर इनमें कारोबार घटा है। हालांकि दो साल पहले की तुलना में गतिविधि अभी भी अधिक है। पांडेय ने कहा कि खुदरा निवेशकों को अत्यधिक रिटर्न के झूठे वादों से आकर्षित नहीं होना चाहिए।