मुद्दे को 'सुलझा लेंगे' भारत और अमेरिका

शुल्क को लेकर जारी तनातनी के बीच अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट
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न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन : भारत और अमेरिका के बीच शुल्क को लेकर जारी तनातनी के बीच अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा है कि अंततः ‘ये दो महान देश इस मुद्दे को सुलझा लेंगे। भारत के मूल्य रूस के बजाय ‘हमारे और चीन के अधिक करीब हैं।’ बेसेन्ट ने फॉक्स न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) को ‘‘व्यापक तौर पर प्रदर्शनात्मक’’ करार दिया। यह बयान तब आया जब चीन के तियानजिन शहर में रविवार और सोमवार को एससीओ का वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ।

रूस से तेल खरीद : उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने और फिर उसे पुनः बेचने के मामले में भारतीयों ने अच्छा व्यवहार नहीं किया है। इससे यूक्रेन में रूस के युद्ध प्रयास को वित्तीय समर्थन मिला है। भारत ने रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए कहा है कि उसकी ऊर्जा आवश्यकताएं राष्ट्रीय हितों और बाज़ार की स्थिति पर आधारित हैं।

अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं में धीमी प्रगति : अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं में धीमी प्रगति को भी व्हाइट हाउस द्वारा भारत पर शुल्क बढ़ाने के एक कारण के रूप में देखा जा रहा है। बेसेन्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीद के चलते भारत पर 50 प्रतिशत तक के शुल्क लगाए हैं। भारत ने इन शुल्कों को “अनुचित और अकारण” बताया है। उन्होंने यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान हुई द्विपक्षीय बैठकों से जुड़े सवालों पर दी। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों के सबसे निचले स्तर पर माने जा रहे हैं, जिसे ट्रंप प्रशासन की शुल्क नीति और नयी दिल्ली के प्रति उसके लगातार आलोचनात्मक रुख ने और गहरा किया है।

सब कुछ सामने है : बेसेन्ट ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस पर प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है और सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। मुझे लगता है कि सब कुछ सामने है। राष्ट्रपति पुतिन ने एंकोरेज में ऐतिहासिक बैठक के बाद, फोन कॉल के बाद, जब यूरोपीय नेता और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की व्हाइट हाउस में थे—जो संकेत दिए थे, उसके विपरीत कार्य किया है। वास्तव में, उन्होंने अत्यंत निंदनीय तरीके से बमबारी अभियान को और तेज कर दिया है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ, सभी विकल्प खुले हैं, और हम इस सप्ताह उनका बहुत गंभीरता से अध्ययन करेंगे।

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