

नयी दिल्ली : 2024-25 में भारत-अफ्रीका व्यापार 100 अरब डॉलर को पार कर गया और भारत इस महाद्वीप में शीर्ष पांच निवेशकों में से एक बनकर उभरा है। केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने यह बात कही। राष्ट्रीय राजधानी में 20वें सीआईआई भारत-अफ्रीका व्यापार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विदेश राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि भारत ने समूचे अफ्रीका में परियोजनाओं के लिए 12 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के रियायती ऋण और 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता प्रदान की है। इसके अलावा भारत ने अफ्रीकी युवाओं के लिए 50,000 छात्रवृत्तियां भी प्रदान की हैं, जिनमें से 42,000 से अधिक का इस्तेमाल पहले ही किया जा चुका है। इस वर्ष का विषय अलग है क्योंकि हमने परियोजना साझेदारी और विकास साझेदारी से आगे बढ़कर ‘साझा भविष्य के सह-निर्माण’ की भावना को अपनाने का निर्णय लिया है जो इस उल्लेखनीय यात्रा से जुड़ी भावना को दर्शाता है।
द्विपक्षीय व्यापार
अफ्रीका के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि 2019-2020 में यह 56 अरब अमेरिकी डॉलर था। 1996-2024 तक 75 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के संचयी निवेश के साथ भारत, अफ्रीका में शीर्ष पांच सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। अफ्रीका, भारत की विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा। भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता दी गई थी। हम वैश्विक मंच पर अफ्रीका के उचित स्थान पर जोर देते हैं।