इंफ्रास्ट्रक्चर में ‘मेड इन इंडिया’ मशीनरी का इस्तेमाल बढ़ाएं

इंफ्रास्ट्रक्चर में ‘मेड इन इंडिया’ मशीनरी का इस्तेमाल बढ़ाएं
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नयी दिल्लीः परियोजना लागत में कमी लाने के लिए बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर)उद्योग के हितधारकों से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 'मेड इन इंडिया' मशीनरी का इस्तेमाल बढ़ाने को कहा है। एसोचैम के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि ढांचागत परियोजनाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता किए बगैर इनकी लागत घटाने के प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि पुल एवं सुरंग परियोजनाएं बेहद अहम हैं।

क्या है मामलाः ढांचागत परियोजनाओं में भारी मशीनों का इस्तेमाल होता है जिनका एक बड़ा हिस्सा आयातित होता है। देश में भारी ढांचागत मशीनों का निर्माण अभी सीमित स्तर पर ही होता है।

सपना और मिशनः गडकरी ने ढांचागत क्षेत्र के कंपनी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारे पास अच्छी प्रौद्योगिकी होनी चाहिए। लेकिन उसी के साथ हमें लागत कम करने पर भी ध्यान देना चाहिए। उसके लिए आप सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि 'मेड इन इंडिया' मशीनरी किस तरह संभव हो सकती है। यह हमारा सपना है और हम सबके लिए मिशन भी है।' गडकरी ने कहा कि जोजिला सुरंग परियोजना का 55 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह प्रस्तावित सुरंग श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे से होकर गुजरने वाली है। भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों में राजमार्ग बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का संपर्क कश्मीर से कट जाता है।

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