कृषि निर्यात बढ़ाने के प्रयास में भारत ने पहली बार दुबई भेजा गढ़वाली सेब

कृषि निर्यात बढ़ाने के प्रयास में भारत ने पहली बार दुबई भेजा गढ़वाली सेब
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देहरादून : देश से कृषि निर्यात बढ़ाने के प्रयास में भारत ने पहली बार देहरादून से दुबई के लिए गढ़वाली सेब की खेप भेजी है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने देहरादून से दुबई के लिए 1.2 टन गढ़वाली सेब की पहली परीक्षण खेप को हरी झंडी दिखाई। इस परीक्षण खेप का संचालन कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने किया। इस परीक्षण खेप से मिली सीख, शीत भंडारण प्रबंधन, कटाई के बाद के रखरखाव और लॉजिस्टिक्स ढांचे को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

क्या है स्थिति : इन सेबों की विशिष्टता के बावजूद, उत्पादकों को बुनियादी ढांचे, संपर्क और कटाई के बाद की रखरखाव की सीमाओं के कारण अक्सर लाभदायक अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस दिक्कत को समझते हुए, एपीडा राज्य सरकार, निर्यातकों और किसान समूहों के साथ मिलकर स्थायी निर्यात मार्ग बनाने के लिए काम कर रहा है। प्राधिकरण ने उत्पादकों को अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपी), अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के पालन और कटाई-पश्चात प्रबंधन तकनीकों के प्रति संवेदनशील बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।"

समर्पित क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने पर भी काम : एपीडा किसानों और निर्यातकों को बेहतर सहायता प्रदान करने के लिए देहरादून में एक समर्पित क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने पर भी काम कर रहा है। 

जीआई टैगिंग : इसके अतिरिक्त, एपीडा उत्तराखंड-विशिष्ट उत्पादों के लिए जैविक प्रमाणीकरण और जीआई टैगिंग की सुविधा प्रदान कर रहा है ताकि वैश्विक बाजारों में उनकी पहचान, पता लगाने की क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा सके। 

किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास : बर्थवाल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार जैविक खेती और जैविक निर्यात को बढ़ावा देकर, कृषि उत्पादों में मूल्यवर्धन और विकसित एवं उच्च मूल्य वाले बाजारों में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।

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