जवाबी शुल्क लगने से एमएसएमई बढ़ेगी परेशानी

जवाबी शुल्क लगने से एमएसएमई बढ़ेगी परेशानी
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नयी दिल्ली : इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि अमेरिका की तरफ से कई उत्पादों पर लगाए गए जवाबी शुल्क देश के मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) के लिए तनाव बढ़ाएंगे। घरेलू रेटिंग एजेंसी ने कहा कि एमएसएमई के मुकाबले मध्यम आकार की कंपनियों के पास अप्रत्याशित वित्तीय झटकों का मुकाबला करने की अधिक क्षमता है।अनुमान है कि अप्रैल 2025 में शुल्क युद्ध तेज होने के कारण परिचालन स्थितियों के बिगड़ने के साथ एमएसएमई अधिक कमजोर हो जाएंगे। ऐसा खासतौर से उन क्षेत्रों में होगा, जहां शुल्क युद्ध का प्रभाव नकारात्मक है। रेटिंग एजेंसी ने 31 मार्च, 2024 तक की स्थिति के विश्लेषण के आधार पर सुझाव दिया कि 11 प्रतिशत मध्यम स्तर की कंपनियों की तुलना में 23 प्रतिशत एमएसएमई तनावग्रस्त रहे।

पर्याप्त वित्त की जरूरत :विश्लेषण में यह भी कहा गया कि व्यापार चक्रों का प्रबंधन करने के लिए मध्यम कॉरपोरेट कोविड से पहले के स्तरों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च में संयुक्त निदेशक नीर्मय शाह ने कहा कि एमएसएमई को मध्यम कंपनियों की तुलना में कार्यशील पूंजी के मुद्दों से अधिक जूझना पड़ता है, और उन्हें इसका मुकाबला करने के लिए प्रतिस्पर्धी दरों पर पर्याप्त वित्त की जरूरत होती है।

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