रिजर्व बैंक से विलय-अधिग्रहण के लिए वित्त उपलब्ध कराने अनुरोध करेगा आईबीए

भारतीय रिजर्व बैंक (सोर्स- Twitter)
भारतीय रिजर्व बैंक (सोर्स- Twitter)
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मुंबई : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) नियामक आरबीआई से बैंकों को सूचीबद्ध कंपनियों के विलय और अधिग्रहण के लिए वित्त उपलब्ध कराने की अनुमति देने का औपचारिक अनुरोध करेगा। उन्होंने निजी क्षेत्र से क्षमता विस्तार के लिए निवेश शुरू करने का भी आग्रह किया, क्योंकि सरकार पहले ही उपभोग बढ़ाने के लिए कई कदम उठा चुकी है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य : आईबीए के चेयरमैन की भी भूमिका निभा रहे शेट्टी ने कहा, ‘‘हमने पहले भी विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) के वित्तपोषण के लिए भारतीय बैंकों तक पहुंच... पर बात की थी। अगर आप इसके ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को देखा जाए, तो अधिग्रहण के लिए धन मुहैया न कराने का आधार जबरन अधिग्रहण से जुड़ा है।’’

औपचारिक अनुरोध करेंगे : उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में, हम आईबीए के जरिये भारतीय रिजर्व बैंक से एक औपचारिक अनुरोध करेंगे। हम कम-से-कम कुछ सूचीबद्ध कंपनियों से शुरुआत कर सकते है, जहां अधिग्रहण अधिक पारदर्शी हो और शेयरधारकों से इन अधिग्रहण को मंजूरी मिली हो। इससे जबरिया अधिग्रहण की समस्या को कम किया जा सकता है।’’

क्षमता वृद्धि के लिए निवेश : शेट्टी ने उद्योग मंडल फिक्की और आईबीए द्वारा आयोजित फिबैक-2025 को संबोधित करते हुए कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र का वर्तमान पूंजीगत व्यय उनके आंतरिक स्रोतों, इक्विटी और ऋण बाजार के जरिये वित्तपोषित किया जा रहा है। उन्होंने कंपनी जगत से आगे आकर क्षमता वृद्धि के लिए निवेश करने का आग्रह किया, क्योंकि सरकार द्वारा इस दिशा में कदम उठाए जाने से खपत में तेजी आने की उम्मीद है।

पूंजीगत व्यय : सबीआई के चेयरमैन ने कहा, ‘‘बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि पूंजीगत व्यय तभी बड़े पैमाने पर आएगा जब मांग निरंतर बनी रहेगी... जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव और 12 लाख रुपये तक की आयकर छूट समेत संरचनात्मक सुधारों के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। जब मांग वास्तव में बड़े पैमाने पर वापस आएगी, तो कंपनियों को पूंजीगत व्यय या क्षमता उपलब्धता की कमी नहीं महसूस होनी चाहिए।’’

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