नयी दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के राजस्व विश्लेषण पर गठित मंत्री-समूह (जीओएम) की शुक्रवार को बैठक हुई जिसमें दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की आईटीसी धोखाधड़ी रोकने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट सुधारात्मक कदमों पर चर्चा की गई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में गठित इस जीओएम ने जीएसटी लागू होने से पहले और बाद के राजस्व रुझानों, इलेक्ट्रॉनिक बिल और उत्पादों के स्रोत एवं गंतव्य की बेहतर निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली में सुधार पर तुलनात्मक विश्लेषण को लेकर चर्चा की। मंत्री समूह ने राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य-विशिष्ट नीतिगत सुझावों और जीएसटी चोरी को रोकने के लिए केंद्र और राज्य कर प्रशासन के बीच समन्वय पर भी चर्चा की।
राज्यवार राजस्व प्रवृत्तियों की समीक्षा : सावंत ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "जीएसटी राजस्व विश्लेषण पर बने जीओएम की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें राज्यवार राजस्व प्रवृत्तियों की समीक्षा की गई और बेहतर जीएसटी संग्रह के लिए कार्रवाई योग्य रणनीतियों को चिह्नित किया गया।"जीओएम ने जीएसटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावों में की जाने वाली धोखाधड़ी को एक प्रमुख मुद्दा बताया और राज्यों ने इसे रोकने के लिए विभिन्न उपाय सुझाए।
राजस्व बढ़ाने के तौर-तरीकों पर प्रस्तुतियां : अधिकारियों ने कहा कि मंत्री समूह ने पिछले वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी को चिह्नित किया, जिसमें गुजरात, तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्यों ने जीएसटी राजस्व बढ़ाने के सर्वोत्तम तौर-तरीकों पर प्रस्तुतियां दीं। जीओएम की जल्द ही दोबारा बैठक होगी और उसके बाद वह जीएसटी परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।जीएसटी संबंधी मामलों में शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद ने मार्च में 'जीएसटी से राजस्व के विश्लेषण' पर नए सिरे से जीओएम बनाया था।
क्या है स्थिति : वित्त वर्ष 2024-25 में केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों ने 61,545 करोड़ रुपये के आईटीसी दावों को धोखाधड़ी से पारित करने में शामिल 25,009 फर्जी कंपनियों का पता लगाया। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान कुल 42,140 फर्जी कंपनियों का पता चला, जिन्होंने 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आईटीसी दावे धोखाधड़ी से अंजाम दिए।