

नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद की तीन एवं चार सितंबर को होने वाली बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब को चार से घटाकर दो स्लैब पर लाने के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय जीएसटी परिषद ही है।जीएसटी परिषद सचिवालय की तरफ से जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक नयी दिल्ली में होगी। परिषद में केंद्र के अलावा सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं।
सिफारिशों पर विचार किया जाएगा : बैठक में जीएसटी कर की दरों को युक्तिसंगत बनाने, मुआवजा उपकर और स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर गठित मंत्री समूहों (जीओएम) की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।मंत्री समूहों ने इसी सप्ताह जीएसटी कर स्लैब में बदलाव के केंद्र के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताई थी।
प्रस्ताव रखा : केंद्र सरकार ने जीएसटी की केवल दो दरें- पांच प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत ही रखने का प्रस्ताव रखा है। ‘मेरिट’ श्रेणी के उत्पादों एवं सेवाओं पर पांच प्रतिशत और ‘मानक’ श्रेणी वाले उत्पादों एवं सेवाओं पर 18 प्रतिशत कर लगेगा।इसके अलावा कुछ विलासिता एवं नुकसानदेह उत्पादों पर 40 प्रतिशत कर की एक विशेष दर लगाने का भी प्रस्ताव है।
फिलहाल कर की चार दरें : एक जुलाई, 2017 को देशभर में लागू हुए जीएसटी प्रणाली में फिलहाल कर की चार दरें हैं जिनमें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर शामिल हैं। इनके अलावा कई उत्पादों पर उपकर भी लगता है।
1 अक्टूबर से नई दरें लागू होने का अनुमान : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इससे सालाना लगभग 85,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। चालू वित्त वर्ष में, अगर नई कर दरें 1 अक्टूबर से लागू होती हैं, तो राजस्व का नुकसान 45,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देशवासियों को दीवाली से पहले जीएसटी मामले में तोहफा देने का ऐलान किया था। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही जीएसटी के नए स्लैब लागू कर सकती है।