रत्न एवं आभूषण निर्यात 15.98 प्रतिशत बढ़ा

यह प्रदर्शन उत्साहजनक है, जब यह अमेरिकी शुल्क के प्रभाव जैसी चुनौतियों के बीच आया है
रत्न एवं आभूषण निर्यात 15.98 प्रतिशत बढ़ा
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मुंबई : वैश्विक चुनौतियों के बीच जुलाई में रत्न और आभूषण निर्यात में सालाना आधार पर 15.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 217 करोड़ 82.4 लाख डॉलर (18,756.28 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 के इसी महीने में कुल रत्न और आभूषण निर्यात 187 करोड़ 80.9 लाख डॉलर (15,700 करोड़ रुपये) का रहा था।

उत्साहजनक संकेत : जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा, जुलाई का निर्यात अच्छा रहा है और हमारे उद्योग के लिए एक उत्साहजनक संकेत है। इसे मुख्य रूप से इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो (आईआईजेएस) प्रीमियर के दौरान सफल ऑर्डर बुकिंग और हांगकांग के बाजार में मजबूत वापसी से बढ़ावा मिला है। यह प्रदर्शन उत्साहजनक है, खासकर जब यह अमेरिकी शुल्क के मौजूदा प्रभाव जैसी वैश्विक चुनौतियों के बीच आया है। परिषद ने कहा कि हाल ही में संपन्न आईआईजेएस प्रीमियर-2025 में, अनुमानित 70,000-90,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर बुक हुए हैं, जिससे त्योहारी सत्र से पहले उद्योग का भरोसा बढ़ा है।

मजबूत मांग : भंसाली ने कहा कि उद्योग, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत मांग चक्र के लिए तैयार है, और जीजेईपीसी इस सितंबर में सऊदी अरब में होने वाले एसएजेईएक्स-2025 की भी तैयारी कर रहा है, जिससे खाड़ी क्षेत्र में नए व्यापार और निवेश के अवसर खुलने की उम्मीद है।

हीरों का निर्यात : जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई, 2025 में तराशे और पॉलिश किए हुए हीरों (सीपीडी) का कुल निर्यात 17.76 प्रतिशत बढ़कर 107 करोड़ 17.3 लाख डॉलर (9,230.66 करोड़ रुपये) का हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 91 करोड़ 1.3 लाख डॉलर (7,608.79 करोड़ रुपये) रहा था।जुलाई में पॉलिश किए हुए प्रयोगशाला में तैयार किए गए हीरों का निर्यात 27.61 प्रतिशत बढ़कर 12 करोड़ 24.3 लाख डॉलर (1,054.65 करोड़ रुपये) का हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह नौ करोड़ 59.4 लाख डॉलर (802.16 करोड़ रुपये) का हुआ था।

सोने के आभूषणों का निर्यात : आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 16.39 प्रतिशत बढ़कर 81 करोड़ 37.7 लाख डॉलर (7,005.96 करोड़ रुपये) रहा, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 69 करोड़ 91.7 लाख डॉलर (5,844.28 करोड़ रुपये) रहा था।

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