

नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया। जून तिमाही में उच्च वृद्धि और वैश्विक वृद्धि और व्यापार पर अमेरिकी शुल्क वृद्धि के कम प्रभाव को देखते हुए यह अनुमान बढ़ाया गया है।
इंडिया रेटिंग्स के बयान के अनुसार, उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में GDP सालाना आधार पर सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह उसके पिछले अनुमान 6.3 प्रतिशत (जुलाई, 2025 में जारी) से 0.7% अधिक है। RBI ने चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP वृद्धि दर 6.8 % रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वित्त वर्ष के 6.5 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है।
क्या है स्थिति : भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही जो पांच तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि है। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के GDP वृद्धि का आधिकारिक आंकड़ा 28 नवंबर को जारी किया जाएगा।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि जुलाई, 2025 में उसके अंतिम अनुमान के बाद से घरेलू और वैश्विक दोनों परिदृश्यों में काफी बदलाव आया है। अमेरिका के सभी देशों पर एकतरफा शुल्क वृद्धि के कारण अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य प्रमुख बाधाएं हैं। भारत पर अगस्त, 2025 से जो शुल्क लगाया गया है, वह सबसे अधिक में से एक है।
क्या हैं कारण
आर्थिक वृद्धि अनुमान में तीव्र वृद्धि के दो प्रमुख कारण हैं। जून तिमाही में अपेक्षा से अधिक तीव्र जीडीपी वृद्धि और वैश्विक वृद्धि और व्यापार पर अमेरिकी शुल्क वृद्धि का प्रभाव पहले के अनुमान से कम होना है। इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाये जाने और कम मुद्रास्फीति के कारण वित्त वर्ष 2025-26 में निजी अंतिम उपभोग व्यय में सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी । जो बीते वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी।
आर्थिक परिस्थितियां काफी अनुकूल
रेटिंग एजेंसी के मुख्य अर्थशास्त्री और सार्वजनिक वित्त मामलों के प्रमुख देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि जुलाई के अनुमान के बाद से आर्थिक परिस्थितियां काफी अनुकूल हुई हैं। इनमें उम्मीद से अधिक तेजी से मुद्रास्फीति में गिरावट, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक मजदूरी दर में वृद्धि और जीएसटी को युक्तिसंगत बनाना शामिल हैं।