

नयी दिल्ली : भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भरोसा कायम है। अनुकूल आर्थिक संकेतकों तथा मजबूत घरेलू बुनियाद के चलते एफपीआई ने मई में भारतीय शेयरों में 19,860 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अप्रैल में एफपीआई ने शेयरों में 4,223 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। वहीं इससे पहले मार्च में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : जियोजीत इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘आगे चलकर एफपीआई भारत में अपना निवेश जारी रखेंगे। हालांकि, उच्चस्तर पर वे बिकवाली कर सकते हैं।’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने मई में शेयरों में 19,860 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इस ताजा प्रवाह के बाद 2025 में शेयरों से एफपीआई की निकासी का आंकड़ा घटकर 92,491 करोड़ रुपये रह गया है। अप्रैल में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई की गतिविधियों में तेजी देखी गई। अप्रैल के मध्य में शुरू हुई लिवाली का सिलसिला मई में भी जारी रहा, जो निवेशकों के नए भरोसे को दर्शाता है।
विजयकुमार ने कहा, डॉलर में गिरावट, अमेरिकी और चीनी अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती, जीडीपी की ऊंची वृद्धि, घटती मुद्रास्फीति और ब्याज दरें, जैसे घरेलू वृहद कारक भारत के प्रति एफपीआई का आकर्षण बढ़ा रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो एफपीआई ने मई के पहले पखवाड़े में वाहन, कलपुर्जा, दूरसंचार और वित्तीय क्षेत्र में निवेश किया है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान शेयर के अलावा एफपीआई ने बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत 19,615 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण से 1,899 करोड़ रुपये का निवेश किया है।