

नयी दिल्ली : भारतीय शेयर बाजार से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई में अबतक 5,524 करोड़ रुपये निकाले हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इसके साथ ही, 2025 में अबतक एफपीआई की कुल निकासी 83,245 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि आगे चलकर, एफपीआई प्रवाह का रुख अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर निर्भर करेगा। व्यापार विवादों के समाधान और कंपनियों की आमदनी में सुधार से निवेशकों का भरोसा बहाल हो सकता है और एफपीआई फिर भारतीय बाजार की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
एफपीआई शुद्ध बिकवाल : अमेरिका-भारत के बीच व्यापार को लेकर जारी तनाव तथा कंपनियों के मिले-जुले तिमाही नतीजों के बीच एफपीआई शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं। इससे पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई भारतीय बाजार में शुद्ध लिवाल रहे थे।
क्या है स्थिति : डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (18 जुलाई तक) शेयरों से 5,524 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है।इससे पहले जून में उन्होंने 14,590 करोड़ रुपये, मई में 19,860 करोड़ रुपये और अप्रैल में 4,223 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। इससे पहले, एफपीआई ने मार्च में 3,973 करोड़ रुपये, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये की बड़ी निकासी की थी। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत 1,850 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 1,050 करोड़ रुपये का निवेश किया है।