

नयी दिल्ली : डब्ल्यूटीओ में अमेरिका ने कहा है कि भारत के पास मोटर वाहन व उसके घटकों पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है। अमेरिका ने भारत के उस दावे को खारिज कर दिया कि ये शुल्क विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अधीन ‘सुरक्षा उपाय’ हैं।
क्या है मामला : अमेरिका ने कहा है कि इस आधार पर भारत के पास इन शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है। भारत का कहना है कि वह मोटर वाहन व उसके घटकों पर अमेरिकी शुल्क (25 प्रतिशत) के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखता है और ये शुल्क ‘सुरक्षा उपाय’ हैं जो उसके घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन वस्तुओं के आयात को समायोजित करने के लिए ये शुल्क लगाए हैं, क्योंकि इनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। भारत ने विश्व व्यापार संगठन के सुरक्षा उपायों पर समझौते के तहत दायित्वों का पालन नहीं किया है। अमेरिका समझौते के तहत धारा 232 पर चर्चा नहीं करेगा, क्योंकि हम शुल्क को सुरक्षा उपाय के रूप में नहीं देखते हैं। भारत के इस्पात व एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क को विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत सुरक्षा उपाय बताने के दावे को खाारिज करने के लिए भी यह बात कही गयी है।
2019 में भारत ने लगाया दिया था जवाबी शुल्क : भारत द्वारा अधिसूचित रियायतों के प्रस्तावित निलंबन को अमेरिका के चुनिंदा उत्पादों पर शुल्क में वृद्धि के रूप में लिया जा सकता है। हालांकि, भारत ने अभी तक इन वस्तुओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन 2019 में इसी तरह के एक कदम में उसने बादाम और सेब से लेकर रसायनों तक 28 अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाया था।
क्या है स्थिति : अमेरिका ने पहली बार 12 मार्च को एल्युमीनियम, इस्पात और उससे बनी वस्तुओं के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। फिर तीन जून को इन्हें बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था। एक अधिकारी ने बताया कि भारत द्वारा अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने का निर्णय विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत एक प्रक्रियागत कदम है और इससे दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर जारी बातचीत प्रभावित नहीं होगी। प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए भारतीय टीम फिलहाल वॉशिंगटन में है।