21.26 लाख करोड़ रुपये रहा प्रत्यक्ष कर संग्रह

अग्रिम कर संग्रह में वृद्धि का प्रमुख योगदान रहा।
सांकेतिक तस्वीर
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नयी दिल्लीः चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.13 प्रतिशत बढ़कर 21.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इसमें अग्रिम कर संग्रह में वृद्धि का प्रमुख योगदान रहा। वर्ष के दौरान, सरकार ने अग्रिम कर की चार किस्तों से 14.62 प्रतिशत वृद्धि के साथ 10.44 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 9.11 लाख करोड़ रुपये था।

कॉरपोरेट कर श्रेणी के तहत अग्रिम कर संग्रह 12.54 प्रतिशत बढ़कर 7.57 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि गैर-कॉरपोरेट श्रेणी में अग्रिम कर संग्रह 20.47 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले उस आय पर किया जाना चाहिए जो उस वर्ष अर्जित की गई होगी।अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों- वित्त वर्ष के दौरान 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च में किया जाता है।

शुद्ध गैर-कॉरपोरेट कर से संग्रह (मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर समेत) सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर लगभग 11.01 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, एक अप्रैल, 2024 और 16 मार्च, 2025 के बीच शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह एकल अंक में सात प्रतिशत बढ़कर 9.69 लाख करोड़ रुपये रहा है। चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से शुद्ध संग्रह लगभग 56 प्रतिशत बढ़कर 53,095 करोड़ रुपये हो गया।

इस अवधि के दौरान 4.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 3.47 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे। सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16 मार्च तक 16.15 प्रतिशत बढ़कर 25.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। सरकार ने आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

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