होटल में भोजन, पेय पदार्थों पर जीएसटी दरें कमरे के किराए से अलग करने की मांग

होटल में भोजन, पेय पदार्थों पर जीएसटी दरें कमरे के किराए से अलग करने की मांग
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नयी दिल्ली ः फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने होटल में कमरे के किराये से खाद्य और पेय सेवाओं पर जीएसटी को अलग करने की मांग की। एफएचआरएआई ने इस बात पर जोर दिया कि खाद्य और पेय (एफएंडबी) कराधान को होटल के कमरे के किराए से जोड़ने का मौजूदा चलन अनुचित है। यह आतिथ्य उद्योग के लिए परिचालन की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण भी है।

वर्तमान जीएसटी ढांचे के तहत, जो होटल प्रति कमरा प्रतिदिन 7,500 रुपये या उससे अधिक शुल्क लेते हैं, उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लाभ के साथ एफएंडबी सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा, जबकि इस सीमा से कम शुल्क वाले होटलों को आईटीसी के बिना पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा। 

लचीली प्रणाली का प्रस्तावः एफएचआरएआई ने एक लचीली प्रणाली का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत सभी होटल रेस्तरां स्वतंत्र रूप से आईटीसी के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी या आईटीसी के बिना पांच प्रतिशत जीएसटी का विकल्प चुन सकते हैं, चाहे कमरे का किराया कुछ भी हो। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने बताया, जैसे ही कोई होटल 7500 रुपये से अधिक का कमरा देता है, तो उसी होटल के रेस्तरां के लिए जीएसटी दर पांच प्रतिशत से 18 प्रतिशत हो जाती है। इसलिए हमने इसे अलग करने के लिए अनुरोध किया है।

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