

नयी दिल्ली : 50 लाख बायोगैस इकाइयों के पुनरुद्धार के लिए भारतीय बायोगैस संघ (आईबीए) ने परिवारों को 10,000 रुपये प्रति इकाई की सब्सिडी योजना की वकालत की है। ये इकाइयां मूल बुनियादी ढांचे के साथ तैयार हैं और इनसे ग्रामीण भारत में स्वच्छ ऊर्जा की स्वीकार्यता को व्यापक समर्थन मिल सकता है।
कदम उठाने का आग्रह : भारतीय बायोगैस संघ के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा कि इस योजना पर कुल सरकारी खर्च 5,000 करोड़ रुपये होगा, जिसकी भरपाई दो साल में हो सकती है। आईबीए ने सरकार से देशभर में 50 लाख बायोगैस इकाइयों को समर्थन देने के लिए एक साहसिक और दूरदर्शी कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों के लिए बुनियादी ढांचा पहले से ही मौजूद है और ग्रामीण भारत में इसकी व्यापक स्तर पर स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
प्रदर्शन की ओर बढ़ें : स्वच्छ भारत अभियान जैसा एक केंद्रित, मिशन-संचालित दृष्टिकोण इस दिशा में सार्थक परिणाम दे सकता है। इनमें से अधिकांश प्रणालियां धन की कमी, रखरखाव और दीर्घकालिक प्रोत्साहनों के कारण कम उपयोग में हैं या निष्क्रिय हैं।अब समय आ गया है कि हम क्षमता से प्रदर्शन की ओर बढ़ें और बायोगैस को भविष्य के वास्तविक घरेलू ईंधन में परिवर्तित करें।
पुनरुद्धार लागत : उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत भारत सरकार पात्र ग्रामीण परिवारों को व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) के निर्माण के लिए 12,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है। छोटे बायोगैस संयंत्रों के पुनरुद्धार के लिए भी इसी तरह के एक मॉडल पर विचार किया जा सकता है, जिसकी पुनरुद्धार लागत लगभग 10,000 रुपये प्रति इकाई होगी।