केंद्र ने 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने का पोर्टल पेश किया

केंद्र ने 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने का पोर्टल पेश किया
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नयी दिल्ली : ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (पीएमवीबीआरवाई) का पोर्टल केंद्र सरकार ने पेश कर दिया। इसका उद्देश्य अगस्त, 2025 से जुलाई, 2027 के दौरान देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख एल मांडविया ने कहा कि करीब एक लाख करोड़ रुपये की इस केंद्रीय योजना का लाभ नियोक्ता और पहली बार नौकरी करने वाले लोग दोनों ही उठा सकते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जुलाई, 2025 को रोजगार से जुड़ी इस प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी।

कैसे लाभ उठा सकते हैं : नियोक्ता और पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारी इस पोर्टल पर पंजीकरण या ‘उमंग’ ऐप पर अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) डालकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना दो हिस्सों में विभाजित है। इसका भाग-ए पहली बार श्रमबल का हिस्सा बनने वाले कर्मचारियों के लिए है। इसमें अधिकतम 15,000 रुपये मासिक वेतन (बेसिक+डीए) तक के कर्मचारियों को औसतन एक महीने के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। भाग-बी में नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन के तीन स्लैब रखे गए हैं। कर्मचारी का वेतन 10,000 रुपये मासिक होने पर नियोक्ता को 1,000 रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा जबकि 10,000 से 20,000 रुपये वेतन पर 2,000 रुपये और 30,000 रुपये तक वेतन वाले कर्मचारियों पर 3,000 रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि नियोक्ताओं को दी जाएगी।

कौन होगा पात्र : भाग-ए के तहत एक लाख रुपये तक कुल वेतन पाने वाले कर्मचारी पात्र होंगे। वहीं भाग-बी में सभी क्षेत्रों, खासकर विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार पैदा करने को बढ़ावा दिया जाएगा। भाग-बी के तहत नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी (पहली बार नौकरी करने वाला और दोबारा नौकरी करने वाले दोनों) पर छह महीने तक लगातार नौकरी बनाए रखने की शर्त पर दो वर्षों तक प्रति माह 3,000 रुपये तक का प्रोत्साहन मिलेगा। विनिर्माण क्षेत्र के मामले में यह लाभ चार वर्ष तक दिया जाएगा। पात्रता के लिए नियोक्ता को कम-से-कम दो (50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान) या पांच (50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान) नए कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी और उन्हें न्यूनतम छह महीनों तक काम पर बनाए रखना होगा। कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम, 1952 के दायरे से बाहर रखे गए प्रतिष्ठान भी इस योजना का हिस्सा होंगे।

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