आयकर नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए सीबीडीटी ने हितधारकों से मांगे सुझाव

इस पहल का मकसद स्पष्टता बढ़ाना, अनुपालन बोझ को कम करना है
आयकर नियमों का मसौदा तैयार करने के लिए सीबीडीटी ने हितधारकों से मांगे सुझाव
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नयी दिल्लीः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि हितधारक प्रस्तावित आयकर विधेयक, 2025 से संबंधित आयकर नियमों और संबंधित प्रपत्रों का मसौदा तैयार करने के लिए अपने सुझाव भेज सकते हैं। सीबीडीटी ने कहा, आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के अनुरूप सुझाव एकत्र करने और संबंधित आयकर नियमों व विभिन्न प्रपत्रों (फॉर्म) के सरलीकरण पर काम करने का प्रयास जारी है। 

क्या है उद्देश्यः इस पहल का मकसद स्पष्टता बढ़ाना, अनुपालन बोझ को कम करना और अप्रचलित नियमों को समाप्त करना है जिससे करदाताओं तथा अन्य हितधारकों के लिए कर प्रक्रिया अधिक सुलभ हो सके।नियमों तथा प्रपत्रों को सुव्यवस्थित करने का उद्देश्य कर अनुपालन को सरल बनाना, करदाताओं की समझ में सुधार तथा दस्तावेज दाखिल करने की प्रक्रिया (फाइलिंग) को आसान बनाना, प्रशासनिक बोझ व त्रुटियों को कम करना और पारदर्शिता व दक्षता को बढ़ाना है।

कब तक दे सकते हैं सुझावः व्यापक परामर्श प्रक्रिया के तहत नियमों व प्रपत्रों की समीक्षा के लिए गठित समिति चार श्रेणियों में हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करती है, जिनमें भाषा का सरलीकरण और मुकदमेबाजी व अनुपालन बोझ में कमी लाना शामिल है।इसे सुविधाजनक बनाने के लिए ‘ई-फाइलिंग’ मंच पर एक सुविधा पेश की गई है। यह आठ मार्च 2025 से सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध है। हितधारक अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज कर अपने सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद ओटीपी-आधारित सत्यापन प्रक्रिया होगी।सभी सुझावों में आयकर नियम 1962 के प्रासंगिक प्रावधान (विशिष्ट धारा, उपधारा, खंड, नियम, उपनियम या फॉर्म संख्या सहित) जिससे सुझाव संबंधित है, को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया जाना चाहिए।

क्या है स्थितिः आयकर विधेयक, 2025 पिछले महीने संसद में पेश किया गया था। वर्तमान में यह विस्तृत समीक्षा के लिए प्रवर समिति के पास है। हितधारकों को विधेयक के प्रावधानों पर अपने सुझाव प्रस्तुत करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिन्हें संकलित कर समीक्षा के लिए प्रवर समिति को भेजा जाएगा।

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