भारत के लिए AI का मतलब 'ऑल इनक्लूसिव'

भारत नैतिक AI के लिए वैश्विक ढांचा तैयार करने के प्रयासों का लगातार समर्थन करता रहा है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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मुंबई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘इंडिया स्टैक’ को समूची दुनिया, खासकर वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए आशा की किरण बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के लिए कृत्रिम मेधा (AI) का अर्थ ‘ऑल इनक्लूसिव’ यानी सर्व-समावेशी है। मोदी ने यहां 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025' को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का AI दृष्टिकोण तीन सिद्धांतों- समतापरक पहुंच, जनसंख्या-स्तर पर कौशल विकास और जिम्मेदार उपयोग पर आधारित है। भारत नैतिक AI के लिए वैश्विक ढांचा तैयार करने के प्रयासों का लगातार समर्थन करता रहा है और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) से जुड़ा उसका अनुभव पूरी दुनिया के लिए उपयोगी हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के क्षेत्र में जो राह अपनाई है, वही दृष्टिकोण हम AI में भी अपनाना चाहते हैं। भारत के लिए एआई का अर्थ ‘ऑल इनक्लूसिव’ (सर्व-समावेशी) है।’’

क्या है उद्देश्य : ‘इंडिया स्टैक’ भारत का डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना ढांचा है जिसमें आधार, UPI, डिजिलॉकर,E-KYC और ONDC जैसे डिजिटल मंच शामिल हैं। इसका उद्देश्य सुरक्षित, पारदर्शी और समावेशी डिजिटल सेवाएं प्रदान करना है।भारत की ताकत केवल उसके बड़े स्तर में नहीं, बल्कि उसके साथ समावेश, जुझारूपन और स्थिरता को जोड़ने में है।AI प्रौद्योगिकी वास्तविक समय में धोखाधड़ी की पहचान, जोखिम मूल्यांकन में पक्षपात कम करने और विभिन्न सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

साझा निवेश का आह्वान : उन्होंने डेटा, कौशल और सुशासन में साझा निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि एआई इस कायाकल्प को आगे बढ़ा सकती है, बशर्ते एआई ऐप लोगों को केंद्र में रखकर बनाए जाएं।पहली बार डिजिटल वित्त का उपयोग करने वाले व्यक्ति को यह भरोसा होना चाहिए कि किसी गलती की स्थिति में उसका समाधान जल्द निकाल लिया जाएगा।यही भरोसा डिजिटल समावेशन और वित्तीय सेवाओं में विश्वास को मजबूत करेगा।’’

नए अवसर : ब्रिटेन के शोध और वैश्विक वित्तीय विशेषज्ञता को भारत के पैमाने और प्रतिभा के साथ जोड़कर नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं।उन्होंने UK-INDIA फिनटेक कॉरिडोर को और मजबूत करने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के स्टार्टअप, संस्थान और नवाचार केंद्रों के बीच सहयोग बढ़ेगा। एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई के जरिये हर महीने 20 अरब से अधिक लेनदेन हो रहे हैं, जिनकी कुल कीमत 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में जितने भी वास्तविक समय में डिजिटल लेनदेन होते हैं, उनमें से हर 100 लेनदेन में में 50 भारत में होते हैं।’’

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