बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में उत्पन्न होंगी 2.5 लाख नौकरियां

बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में उत्पन्न होंगी 
2.5 लाख नौकरियां
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मुंबई : कार्यबल समाधान प्रदाता एडेको इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा (बीएफएसआई) क्षेत्र मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। 2025-26 में नियुक्तियों में 8.7 प्रतिशत और 2030 तक 10 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है, जिससे करीब 2.5 लाख स्थायी नौकरियां उत्पन्न होंगी। 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट : एडेको इंडिया के निदेशक कार्तिकेयन केसवन ने कहा, बीएफएसआई क्षेत्र में नियुक्ति परिदृश्य दो अभिसारी बदलावों से नए सिरे से परिभाषित हो रहा है। पहला डिजिटल-प्रथम निवेशकों का तेजी से उदय और दूसरा छोटे व मझोले शहरों की ओर झुकाव। बीएफएसआई क्षेत्र में नियुक्ति की मांग मजबूत बनी हुई है। हालांकि म्यूचुअल फंड कंपनियां और वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियां इस वृद्धि में नौ प्रतिशत से अधिक का नेतृत्व कर रही हैं, क्योंकि बाजार से जुड़े निवेश महानगरों से आगे बढ़ रहे हैं।

क्या है कारण : बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में यह वृद्धि छोटे व मझोले श्रेणी के शहरों में बढ़ती मांग के दम पर हो रही है, जो महानगर केंद्रित भर्ती से स्पष्ट बदलाव को दर्शाता है।

क्या है स्थिति : बीएफएसआई क्षेत्र में प्रतिभाशाली लोगों की बढ़ती मांग के दम पर देश के छोटे व मझोले शहर शक्तिशाली इंजन के रूप में उभर रहे हैं, जहां लगभग 48 प्रतिशत नई नौकरियां सृजित हो रही हैं। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में गत वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि की तुलना में भर्तियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। स्थानीय भाषा में दक्षता एवं जमीनी स्तर पर बिक्री का अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों के अब चयनित होने की संभावना 2.5 गुना अधिक है और उन्हें 10-15 प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।

भर्ती बढ़ा दी : बैंकों ने बिक्री एवं संबंधि अधिकारियों, डिजिटल उत्पाद प्रबंधकों और ऋण जोखिम विश्लेषकों के लिए भर्ती बढ़ा दी है, जो इस वर्ष पारंपरिक बीएफएसआई भर्ती में सबसे अधिक मांग वाली भूमिकाएं हैं। वित्त एवं बीमा कंपनियां तेजी से वित्तीय योजनाकारों, निवेश सलाहकारों, ‘डिजिटल अंडरराइटर्स’ और दावा स्वचालन विशेषज्ञों आदि की मांग कर रही हैं।इंदौर, कोयम्बटूर, नागपुर और गुवाहाटी जैसे बाजारों में नियुक्तियों में 15-18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं सूरत, जयपुर, लखनऊ और भुवनेश्वर में 11-13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

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