नई दिल्ली: देश में बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (DOT), गृह मंत्रालय ( MHA) और राज्यों की पुलिस आपस में मिलकर सायबर क्राइम और फाइनेंशियल फ्रॉड में इस्तेमाल किए जाने वाले टेलीकॉम रिसोर्सेज का इस्तेमाल रोकने के लिए मिलजुल काम करने का फैसला लिया है। इस साझेदारी के जरिए साइबर फ्रॉड करने वालों के नेटवर्क को धवस्त किया जाएगा साथ ही दिनों दिन बढ़ते जा रहे डिजिटल खतरे से आम नागरिकों की सुरक्षा की जाएगी।
28,200 हैंडसेट्स और 20 लाख नंबर का इस्तेमाल
दूरसंचार मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि गृह मंत्रालय और राज्यों की पुलिस ने जो एनालसिस किया है उसके मुताबिक ऐसे 28,200 मोबाइल हैंडसेट्स पाये गए हैं जिनका इस्तेमाल सायबर क्राइम को अंजाम देने के लिए किया गया है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन ने जो एनालसिस किया है उसमें विभाग ने पाया कि ऐसे 20 लाख मोबाइल नंबर हैं जिनका इस्तेमाल इन 28200 मोबाइल हैंडसेट्स में इस्तेमाल किया गया है।
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20 लाख नंबरों का होगा री-वेरिफिकेशन
मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशन ने बताया कि विभाग ने मोबाइल सेवा देने वाली टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को पूरे देश में ऐसे 28,200 मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक करने और मोबाइल हैंडसेट्स के साथ लिंक्ड इन 20 लाख मोबाइल नंबर्स के कनेक्शन के फिर से वेरिफिकेशन करने को कहा है और मोबाइल नंबरों के री-वेरिफिकेशन में फेल हो जाने पर फौरन इन कनेक्शन को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि इस एकीकृत कदम का उद्देश्य आम नागरिकों की सुरक्षा के साथ टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की अखंडता और डिजिटल वातावरण को सुरक्षित बनाना है।