'मुंह खुला ही नहीं', मोदी पर तेजस्वी का तंज, कहा- बिहार के मुद्दों पर साधी चुप्पी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दो दिवसीय बिहार दौरा
पीएम नरेन्द्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार एवं अन्य
पीएम नरेन्द्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार एवं अन्य-
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पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य सहित राज्य को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी इस समय कोलकाता में हैं, जहां उनकी पत्नी ने इस सप्ताह के प्रारंभ में अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिये प्रधानमंत्री की आलोचना की।

तेजस्वी ने चेहरे पर मास्क लगाए प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर ‘एक्स्’ पर साझा करते हुए लिखा, ‘मुंह खुला ही नहीं।’ उन्होंने नीतीश कुमार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सहित कई अहम मुद्दों पर कथित तौर पर टिप्पणी नहीं करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार पर सार्वजनिक रूप से असहज व्यवहार करने के कारण उनके ‘शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ’ होने के आरोप लग रहे हैं।

तेजस्वी ने कहा कि राजग ने 20 वर्ष में बिहार को रिकार्ड तोड़ बेरोजगारी, गरीबी और पलायन दिया है। ‘ नीति आयोग के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र में बिहार सबसे फिसड्डी है। विधि व्यवस्था सबसे बदतर है। बिहार की प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश देश में सबसे कम है।’

उन्होंने कहा, विकास और प्रगति के अधिकांश मानकों में देश में बिहार सबसे नीचे है लेकिन बिहार की 20 वर्षों की राजग सरकार और 11 वर्षों की केंद्र सरकार जनहित के इन ज्वलंत मुद्दों पर कभी चर्चा ही नहीं करती और न ही करना चाहती है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, प्रधानमंत्री केवल चुनावी वर्ष में बिहार का दौरा कर 2015 से चलती आ रही परियोजनाओं एवं घोषणाओं का अनेक बार शिलान्यास और उद्घाटन कर उसी को बारम्बार दोहराते रहते है। 2015 से यही सिलसिला चलता आ रहा है। प्रधानमंत्री जी, यह बिहार है, बिहारी इस तरह के झांसे में नहीं आते ! वो अच्छे से जानते है कि कौन कितना झूठ बोल रहा है ?

उन्होंने कहा, बीस वर्षों की राजग सरकार के पास अपने काम काज का हिसाब देने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए, 35 साल पहले बनी सरकार के 15 साल का रोना रोने वाले पहले अपने 20 साल का हिसाब दें।

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