

पटना : राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहा है और सरकार भी उन्हीं के नेतृत्व में बनेगी।
कुशवाहा ने पटना में कहा, NDA के मुख्यमंत्री पद का चेहरा नीतीश कुमार ही हैं। गठबंधन के सभी घटक दल उनके नेतृत्व और अनुभव पर पूरा भरोसा रखते हैं। इस चुनाव में NDAस्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगा और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही शपथ ग्रहण होगा।
कुशवाहा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। रालोमो प्रमुख कुशवाहा ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि NDA के भीतर नेतृत्व को लेकर कोई मतभेद नहीं है और पूरा गठबंधन एकजुट है।
उल्लेखनीय है कि पटना में दो दिन पहले ही एक कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री और BJP के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होगा यह चुनाव के बाद विधायक तय करेंगे। हालांकि शाह ने कहा था चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेंगे।
सीट बंटवारे पर कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन में सभी निर्णय आपसी सहमति और समझौते से होते हैं। उन्होंने कहा, जब कई दल मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो कोई भी दल 243 सीट पर दावा नहीं करता। अगर किसी की मौजूदा सीट दूसरे दल को दी जाती है, तो यह साझा सहमति से तय होता है। यही गठबंधन धर्म का मूल है।
लोकसभा चुनाव 2024 के अनुभवों का उल्लेख करते हुए कुशवाहा ने कहा कि इस बार NDA ने अधिक सटीक और क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत रणनीति तैयार की है। उन्होंने स्वीकार किया कि काराकाट लोकसभा क्षेत्र समेत कुछ इलाकों में पिछली बार की गलतियों से नुकसान हुआ था, लेकिन अब उन कमियों को दूर किया गया है।
रालोमो प्रमुख कुशवाहा ने चुनावी रणनीति और चुनाव प्रचार को लेकर कहा कि राजग की इस बार की रणनीति केवल प्रचार पर नहीं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती और मतदाता तक सीधी पहुंच पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार के अनुभव, BJP की संगठन क्षमता और रालोमो सहित सहयोगी दलों की सक्रियता के बल पर राजग राज्य में सत्ता बरकरार रखेगा।
उन्होंने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि अभी तक उनके बीच सीट बंटवारे का पेंच भी नहीं सुलझा है, जबकि NDA का साझा चुनाव प्रचार अभियान शुरू हो गया है।
कुशवाहा ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष जनता का ध्यान भटकाने के लिए बेबुनियाद मुद्दे उठा रहा है। उन्होंने कहा, उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बहुत शोर मचाया, लेकिन आज जनता के बीच उस पर कोई चर्चा नहीं है। जब लालू प्रसाद यादव 15 साल तक सत्ता में थे, तब दलितों और अति पिछड़ों को स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया। नीतीश कुमार की सरकार ने वह व्यवस्था बदली और आज इन समुदायों की भागीदारी बढ़ी है।
कुशवाहा ने कहा कि जनता अब महागठबंधन की असलियत पहचान चुकी है और बिहार के विकास और स्थिरता के लिए एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा करेगी।