

पटना : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के अन्य नेता सोमवार को यहां पैदल मार्च निकालेंगे, जिसके साथ 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन होगा। यह मार्च गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा से पटना हाई कोर्ट के निकट बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा तक निकाला जाएगा। इसमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, महागठबंधन के अन्य नेता और समर्थक शामिल होंगे। यह यात्रा 25 जिलों में 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी और इसमें 1300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गई। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और निर्वाचन आयोग पर तीखे हमले बोले। उन्होंने जगह-जगह 'वोट चोर, गद्दी छोड़' का नारा लगाया।
यात्रा के 14वें दिन शनिवार को राहुल गांधी ने कहा था कि बिहार में शुरू हुई यह 'क्रांति' पूरे देश में फैलने जा रही है और अब भाजपा को वोट और चुनाव की चोरी नहीं करने दी जाएगी। राहुल और महागठबंधन के नेताओं को इस यात्रा के 14वें दिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल हुए।
यात्रा में शामिल होने के बाद यादव ने बिहार की जनता का आह्वान किया था कि वो उसी तरह भारतीय जनता पार्टी को 'मगध'(बिहार) में भी हराए, जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों ने उसे 'अवध' (उत्तर प्रदेश) में हराया था। इस 16 दिवसीय यात्रा में रविवार को अवकाश का दिन है।
विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन मास्टर स्टोक : सासाराम से 17 अगस्त को निकाली गई इस यात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले व्यापक चुनाव अभियान के जरिए महागठबंधन का यह मास्टर स्टोक बताया जा रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना कि बिहार के लोगों ने राहुल गांधी और महागठबंधन के अन्य नेताओं की इस यात्रा को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी।