

पटना : बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार पद और गोपनीयता की शपथ ली। नीतीश के 26 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पुराने अनुभवी नेताओं के साथ 10 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जिसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
करीब 19 वर्ष से सत्ता में रहे कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई वरिष्ठ मंत्रियों को दोबारा मौका दिया है।
जारी सूची के अनुसार, मंत्रिपरिषद में शामिल 26 सदस्यों में से 10 पहली बार मंत्री बने हैं। कुमार के मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी व विजय कुमार सिन्हा को बरकरार रखा गया है, जो पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।
वहीं JDU ने अपने पुराने मंत्रियों बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार को भी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है। BJP ने अपने पूर्व मंत्रियों मंगल पांडेय, सुरेंद्र प्रसाद मेहता और नितिन नविन को दोबारा कैबिनेट में शामिल किया है।
पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी मंत्रिमंडल में वापसी की हैं। एक अन्य मंत्री नारायण प्रसाद की भी वापसी हुई है।
वर्ष 2022 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नीतीश के अचानक अलग होने पर जायसवाल व प्रसाद ने अपना पद गंवा दिया था और पिछली बार JDU के NDA में लौटने पर भी उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी।
NDA के अन्य सहयोगियों में हम (सेक्युलर) ने फिर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन को अपना मंत्री बनाया है।
नए चेहरों में जमुई से BJP विधायक व शूटिंग खिलाड़ी रह चुकीं श्रेयसी सिंह, औराई की विधायक व पूर्व केंद्रीय मंत्री जय नारायण निषाद की बहू रमा निषाद शामिल हैं। इन्हें पार्टी के ईबीसी मल्लाह समुदाय के प्रति पहुंच बढ़ाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है।
रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश को भी कैबिनेट में जगह मिली है, हालांकि वे विधायक नहीं हैं। उम्मीद है कि दीपक को 6 महीने के भीतर विधान परिषद में भेजा जा सकता है।
BJP के वरिष्ठ नेता राम कृपाल यादव ने भी मंत्रिमंडल में वापसी की है। यादव ने दानापुर विधानसभा सीट से राजद के रितलाल यादव को हराया था। लोजपा (रामविलास) से संजय कुमार सिंह व संजय कुमार को मंत्री पद दिया गया है।
मंत्रिमंडल में तीन महिला मंत्री हैं, जिनमें JDU की लेसी सिंह और पहली बार मंत्री बनीं श्रेयसी सिंह व रमा निषाद हैं। जामा खान एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मंत्रिमंडल की संरचना से कुमार का सामाजिक संतुलन साधने का प्रयास स्पष्ट झलकता है।
कुल 27 सदस्यों में से 8 सवर्ण, 5 दलित, 1 मुस्लिम और 13 OBC/EBC वर्गों से हैं। दलीय आधार पर BJP को 14, JDU को 8, लोजपा (रामविलास) को दो, जबकि हम(से) और रालोमो को एक-एक मंत्री पद मिला है।
नए मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री नितीश मिश्रा, जीवेश मिश्रा और संजय सरावगी को जगह नहीं मिली है। राज्य मंत्रिमंडल की अधिकतम सीमा मुख्यमंत्री समेत 36 सदस्यों की है।