
पटना : बिहार में मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण की कवायद इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में भाजपा की मदद के लिए किए जाने का आरोप लगाने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों ने दावा किया कि महागठबंधन को ‘चुनाव में हार का डर सता रहा है’।
बिहार में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में गहन पुनरीक्षण के प्रस्ताव का शुक्रवार को कड़ा विरोध किया था। केंद्रीय मंत्रियों चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने दावा किया कि राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन चुनावों में खराब प्रदर्शन के लिए कोई न कोई ‘बहाना’ ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख पासवान ने कहा, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में प्रावधान है कि समय-समय पर मतदाता सूचियों में संशोधन किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मतदाता सूचियों में मृत लोगों के नाम बरकरार रखने और मौजूदा लोगों के नाम गायब होने जैसी विसंगतियों को दूर करना है।
हाजीपुर के सांसद ने कहा, जो लोग इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, वे अपनी सामने खड़ी हार से डरे हुए हैं। उन्होंने पहले भी अपनी हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर फोड़ने की कोशिश की है। इस बार वे नया बहाना लेकर आ रहे हैं।
‘इंडिया’ गठबंधन ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि केंद्र में सत्तारूढ़ और राज्य में सत्ता साझा करने वाली भाजपा ने निर्वाचन आयोग पर यह कवायद करने के लिए दबाव डाला था, जिससे उन लोगों के नाम हटाए जा सकते हैं, जिनके राजग को वोट देने की संभावना नहीं है। विपक्षी गठबंधन ने यह भी कहा था कि वह निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी आपत्तियां रखने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। पूर्व मुख्यमंत्री और अब गया लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मांझी ने ‘इंडिया’ गठबंधन की आलोचना की।
उन्होंने कहा, मैं ऐसी कई सीट के बारे में जानता हूं जहां 20 हजार तक फर्जी मतदाता पंजीकृत हैं। विपक्ष इस विसंगति का लाभ उठाना चाहते हैं। अब, विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद, ऐसे फर्जी मतदाताओं के नाम काट दिए जाएंगे, जिससे विपक्षी नेताओं को बहुत निराशा होगी।