

पटना : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस तंज के एक दिन बाद कि वक्फ (संशोधन) विधेयक ने ‘राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की इच्छाओं को पूरा किया है’, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार को पलटवार किया। शाह ने प्रसाद के 2013 के भाषण का हवाला देते हुए लोकसभा में यह टिप्पणी की थी। वर्ष 2013 में प्रसाद सदन के सदस्य थे और उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ में ‘अधिक कड़े’ संशोधनों का आह्वान किया था। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तत्कालीन संप्रग सरकार का हिस्सा था।
प्रसाद ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर भाषण का एक छोटा वीडियो क्लिप साझा करते हुए ‘भाजपा और संघ के अज्ञानी मूर्खों’ की आलोचना की, लेकिन शाह या किसी अन्य नेता का नाम लेने से परहेज किया। राजद प्रमुख ने लिखा, मैंने वक्फ भूमि की सुरक्षा के लिए एक कठोर कानून की वकालत की थी, जिसे आप हड़पने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रसाद पिछले सप्ताह वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा आयोजित धरने में शामिल हुए थे। राजद प्रमुख ने कहा, मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं ऐसे समय में संसद में नहीं हूं जब मुसलमानों, अन्य अल्पसंख्यकों और आम तौर पर गरीबों के अधिकारों और संविधान पर हमला हो रहा है। मैं इन लोगों के लिए अकेला ही काफी था।
प्रसाद का फिलहाल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज चल रहा है। उन्हें चारा घोटाले के कई मामलों में दोषी करार दिया गया है। दोषसिद्धि के कारण उन पर चुनाव लड़ने पर रोक लगी हुई है। प्रसाद ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, सदन का सदस्य न होने के बावजूद आपके विचारों और चिंताओं में खुद को देखकर मुझे खुशी हुई। वैचारिक प्रतिबद्धता ही वह सब है जिसे मैंने अपने जीवन में अर्जित किया है।